Biogas Plant: बस्तर में गोबर से बिजली बनाने की योजना फ्लॉप साबित हो रही, अधिकारियों ने साधी चुप्पी
Bastar Biogas Plant: जगदलपुर नगर निगम के अंतर्गत डोंगाघाट में बनी गोबर बायोगैस प्लांट में हर रोज 10 किलो वाट बिजली तैयार कर 10 घरों को रोशन करने का दावा पूरी तरह से फेल हो गया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर (Jagdalpur City) के नगर निगम के अंतर्गत डोंगा घाट में गोबर के बायोगैस प्लांट से बिजली तैयार करने की योजना फ्लॉप साबित हो रही है. दरअसल, 7 महीने पहले प्लांट के लोकार्पण के वक्त इस प्लांट से हर रोज 10 किलो वाट बिजली तैयार करने और इससे आसपास के करीब 50 घरों को रोशन करने का दावा किया गया था, लेकिन अब आलम यह है कि खुद प्लांट में लगे उपकरण के लिए भी यहाँ बिजली नहीं बन रही है, जब प्लांट की शुरुआत हुई तब पूरे प्रदेश में गोबर से बिजली बनाने के लिए जगदलपुर पहला निगम का तमगा प्राप्त कर खूब वाहवाही लूटी थी. लेकिन यह सब कुछ सिर्फ प्लांट की स्थापना तक सीमित रहा, इसके बाद यह प्लांट सिर्फ शो पीस ही साबित हो रहा है, और यहां पर बिजली बनाने की कोई भी गतिविधि संचालित नहीं हो रही है.
रहवासी हो रहे परेशान
जगदलपुर नगर निगम (Jagdalpur Nagar Nigam) की महापौर सफिरा साहू ने 7 महीने पहले इस गोबर बायोगैस प्लांट का लोकार्पण किया था, नगर निगम द्वारा दावा किया गया था कि प्लांट में गोबर बायोगैस से बिजली तैयार किया जाएगा, जब प्लांट शुरू हुआ तब बताया गया था कि बायोगैस संयंत्र में सबसे पहले सीमेंट से बने इनलेट चेंबर में गोबर और पानी का घोल तैयार किया जाएगा और यह घोल लोहे से ढका हुआ और 15 फीट गहरे बायोगैस संयंत्र में जाता रहेगा. गोबर गैस में मीथेन के अलावा और कई गैस होती है ऐसे में यहां तीन स्क्रबर लगाए गए हैं, इसमें मीथेन गैस को फिल्टर कर अलग किया जाता है. इसके बाद जनरेटर की सहायता से बिजली उत्पादन की जाती है, और 10 किलोवाट बिजली बनाने के लिए 250 किलो गोबर और 250 लीटर पानी की आवश्यकता भी बताई गई है. इधर जरूरत के अनुसार गोबर तो उपलब्ध हो रहा है लेकिन बिजली बनाने की तकनीक पूरी तरह से फेल हो चुकी है. अब आलम यह है कि इस प्लांट के आसपास रहने वाले लोग गंदगी और बदबू से परेशान हैं. आस पास के रहवासियों का कहना है कि जब से यहां प्लांट लगा है यहां पर लगातार गोबर डंप किया जा रहा है, गोबर से बिजली तो नहीं बन रही बल्कि खाद बनाने का काम किया जा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया से उठने वाली बदबू से इलाके के लोग काफी परेशान हैं, वहीं बारिश के मौसम में गंदगी में खतरनाक बैक्टीरिया पनपते हैं और कचरे पर मंडराने वाली मक्खियां बीमारी फैलाने का काम करती है, लोगो ने निगम के जिम्मेदारों से गंदगी को हटाने की मांग की है.
जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
इधर निगम के आयुक्त एस. पैकरा का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि गोबर प्लांट में बिजली उत्पादन किया जा रहा है या नहीं, इसकी वे जानकारी लेंगे, फिलहाल गोबर से खाद बनाने का काम किया जा रहा है. वही नगर निगम महापौर समेत निगम के जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है.
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