Chhattisgarh: चित्रकोट वाटरफॉल परिसर में बार खोलने की योजना का हिंदू संगठनों ने किया विरोध, मंत्री ने क्या कहा?
Chitrakot Waterfalls: हिंदू संगठनों के लोगों का कहना है कि चित्रकोट वाटरफॉल पर्यटन स्थल को राज्य सरकार ने रामवन गमन पथ से जोड़ रखा है. ऐसे में इस पवित्र स्थल पर बार खोलने का फैसला सरासर गलत है.
Bastar Chitrakot Waterfalls: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट वाटरफॉल (Chitrakot Waterfall) परिसर में स्थित दंडामी माड़िया कॉटेज (Dandami Madiya Cottage) में बार खोलने की योजना का विरोध शुरू हो गया है. बीजेपी (BJP) समेत हिंदू संगठनों ने यहां पर्यटकों को शराब परोसने की योजना पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया है. इस संबंध में बस्तर कलेक्टर (Bastar Collector) को भी ज्ञापन सौंपा गया है.
हिंदू संगठनों के लोगों का कहना है कि चित्रकोट वाटरफॉल पर्यटन स्थल को राज्य सरकार ने रामवन गमन पथ से जोड़ रखा है. बकायदा वनवास के दौरान भगवान राम लक्ष्मण और माता सीता का यहां दंडकारण्य में आगमन हुआ था. इसके साक्ष्य भी मिल चुके हैं. ऐसे में इस पवित्र स्थल में सरकार बार खोलने की सोच रही है, जो कि सरासर गलत है.
फैसला वापस नहीं लेने पर होगा आंदोलन
हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर यहां बार खोलने का विरोध किया है. इसके साथ ही इन लोगों ने चेतावनी दी है कि इस फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो समाज और संस्था के लोगों की ओर से आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.
बीजेपी ने भी पवित्र भूमि पर बार को बताया गलत
बीजेपी और हिंदू संगठन के लोगों का कहना है कि श्रीराम शोध संस्थान दिल्ली की ओर से छत्तीसगढ़ में शोध के बाद पाया गया है कि भगवान राम वनवास के दौरान सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ के बस्तर में गुजारे थे. रामवन गमन पथ मार्ग चित्रकोट, कोटमसर, रामपाल और दलपत सागर, बानसूर, सुकमा और इंजरम क्षेत्र में राम वन गमन के अवशेष भी पाए गए हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार ने खुद राम वन गमन पथ में बस्तर के चित्रकोट वाटरफॉल पर्यटन स्थल को भी शामिल किया है. इसके बावजूद अब यहां पर्यटकों के लिए बनाए गए दंडामी माड़िया रिसॉर्ट और रामवन गमन पथ पर कई जगहों पर पर्यटकों के लिए शराब की दुकानें खोलने की तैयारी की जा रही है.
'... तो फिर शुरू होगा अश्लील डांस'
इन लोगों का आरोप है कि इसके बाद रिसोर्ट में अश्लील डांस की भी अनुमति दी जाएगी, जिससे शराब पीने के बाद इस क्षेत्र में विवाद की स्थिति बनेगी. इसलिए हिंदू संगठनों की ओर से बार खोलने के फैसले का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. इन लोगों का कहना है कि इस पवित्र स्थल पर बार नहीं खोला जाना चाहिए और सरकार ने जो भी फैसला लिया है, उसे तत्काल वापस लिया जाए. अगर सरकार यहां शराब दुकान और बार खोलने की अपनी तैयारी को बंद नहीं करती है, तो बीजेपी समेत हिन्दू समाज और संस्था आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
मंत्री लखमा बोले- लिया जा चुका है फैसला
वहीं, इस मामले में आबकारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि सरकार ने पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ के 6 से ज्यादा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के सरकारी रिसोर्ट और कॉटेज में बार खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें बस्तर का चित्रकोट वाटरफॉल पर्यटन स्थल भी शामिल है. लिहाजा, सरकार ने यहां बार खोलने की तैयारी पूरी कर ली है. उन्होंने कहा कि यहां बार खोलने का फैसला बहुत पहले ही लिया जा चुका है.