Chhattisgarh News: बीजेपी की लगातार पांचवें उपचुनाव में हार, देश में कांग्रेस का सबसे मजबूत किला बना छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को लगातार पांचवे उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा. अब देश में कांग्रेस का सबसे मजबूत किला छत्तीसगढ़ बन चुका है.
देश में कांग्रेस का चुनावी परफॉर्मेंस लगातार खराब होते जा रहा है और गुजरात में कांग्रेस को एक बार फिर बुरी हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन कांग्रेस पार्टी कहीं मजबूत है तो वो नाम छत्तीसगढ़ है. क्योंकि यहां कांग्रेस ने बीजेपी को पिछले 4 साल में 5 उपचुनाव में करारी शिकस्त दी है. भानुप्रतापुर विधानसभा उपचुनाव में गुरुवार को कांग्रेस की सावित्री मंडावी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज किया है. इसी के साथ राज्य के 90 में से 71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है.
भानुप्रतापुर में कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण
दरअसल विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद खाली एसटी सीट भानुप्रतापुर में कांग्रेस ने स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को चुनावी मैदान में उतारा और बड़ी जीत मिली. लेकिन बीजेपी की बात करें तो बीजेपी उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया जिसपर झारखंड में नाबालिग से बलात्कार के आरोप हैं. इस मामले में बीजेपी प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम को झारखंड पुलिस गिरफ्तारी करने कांकेर भी पहुंची थी और मतदान के बाद पुलिस ने नेताम को हिरासत में ले भी लिया था लेकिन झारखंड कोर्ट के फैसले के बाद नेताम गिरफ्तार रुक गई.
लगातार हार से बीजेपी में फेरबदल
छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव हार के बाद बीजेपी नेताओं पर तलवार लटकती हुई नजर आ रही है. क्योंकि चुनाव हारने ने बाद से अबतक 3 प्रदेश अध्यक्ष बदले जा चुके हैं. चौथे अध्यक्ष के रूप में सांसद अरुण साव को जिम्मेदारी मिली है. लेकिन उनके नेतृत्व में भी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई और भानुप्रतापुर में बीजेपी करारी हार का सामना करना पड़ा. इस हार के पीछे राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी ने उस प्रत्याशी को मैदान में उतारा जो बलात्कार के आरोपी हैं. बीजेपी के इस फैसले से पार्टी को नुकसान हुआ है.
मिशन 2023 के लिए बीजेपी की परेशानी बढ़ी
बीजेपी के सिर्फ प्रदेश ही नहीं प्रदेश प्रभारी भी लगातार बदले जा रहे हैं. भाजपा ने 4 साल में 3 प्रभारी बदल दिया है. पहले सौदान सिंह फिर अनिल जैन उसके बाद डी. पुरंदेश्वरी को हटा कर ओम माथुर छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेकिन भानुप्रतापुर में करारी हार के बाद ओम माथुर की जिम्मेदारी और बढ़ गई है. क्योंकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी की परफॉर्मेंस इसी तरह चुनाव में खराब होगी तो मिशन 2023 में भी बीजेपी को नुकसान हो सकता है.
अबतक इन उपचुनाव में मिली कांग्रेस को जीत
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अबतक 5 बार उपचुनाव हुए हैं. इसमें सभी सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज किया है. सबसे पहले दंतेवाड़ा फिर चित्रकोट,मरवाही , खैरागढ़ और अब भानुप्रतापुर में भी कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज कर ली है. इसके बाद विधानसभा पार्टी वार सीटों की बात करें तो 90 में कांग्रेस के पास 71 सीट पर कब्जा हो गया है.
बीजेपी ने 2018 के बाद खुद की एक सीट गंवाई है और 14 सीट पर है. बहुजन समाज पार्टी 2 सीट पर है और जोगी कांग्रेस केवल 3 सीट पर है. इसमें से भी एक विधायक को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इसी साल जोगी कांग्रेस में फूट के कारण विधायक धर्मजीत सिंह पार्टी से निकाल दिया गया है. तो अब केवल 2 सीट ही जोगी कांग्रेस के पास बची है.
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