Bastar Recruitment News: छतीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) संभाग में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने और नक्सलियों (Naxalite) को उनके ही गढ़ में मुंहतोड़ जूवाब देने के लिए हाल ही में बस्तर फाइटर्स भर्ती (Bastar Fighters recruitment) प्रक्रिया की गई थी. वहीं भर्ती की लिस्ट जारी होने के बाद अब युवाओं और बीजेपी नेताओं ने भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता और धांधली करने का आरोप लगाया है. युवाओं का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है. उन्होंने कहा कि, बस्तर संभाग के सभी जिलों में अभ्यर्थियों के अलग-अलग श्रेणियों में कुल प्राप्त अंकों को सार्वजनिक नहीं किया गया है और भर्ती प्रक्रिया में कुछ खास लोगों का ही चयन किया गया है.


भर्ती प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए


वहीं युवाओ ने मांग की है कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में जांच की जाए. बता दें कि बस्तर संभाग के लगभग 57 हजार अभ्यर्थियों ने इस बस्तर फाइटर्स में भर्ती होने के लिए फॉर्म भरा था  और इसमें से कई लोगों ने फिटनेस भी पास किया, लेकिन युवाओं का कहना है भर्ती में कुछ खास लोगों को ही भर्ती में प्राथमिकता दी गई है. पुलिस विभाग द्वारा भी अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों की सूची भी सार्वजनिक नहीं की है, ऐसे में युवाओ का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता बरती गई है.


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बीजेपी प्रवक्ता ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप


वहीं पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री और बीजेपी के प्रवक्ता केदार कश्यप का कहना है कि बस्तर फाइटर्स की भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गई है, जिसके कारण कई होनाहार युवाओ का भविष्य अंधकार में हो गया है. इस बस्तर फाइटर्स की भर्ती में हुई धांधली की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बस्तर के युवाओं को रोजगार देने के वादे के साथ सरकार में आए कांग्रेस ने बस्तर फाइटर्स भर्ती प्रक्रिया को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है. भर्ती प्रक्रिया में अधिक अंक पाने वालों की जगह कम अंक पाने वालों का चयन किया गया है.


पूरी भर्ती प्रक्रिया को देखने से समझ में आता है कि प्रक्रिया में नियमों का पालन पूरी पारदर्शिता के साथ नहीं किया गया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार को श्रय देकर सुनियोजित तरीके से पूरे नियम प्रक्रिया को शिथिल कर योग्य अभ्यर्थियों को भर्ती से वंचित कर दिया गया है.वहीं जिन लोगों का चयन हुआ है, वो स्थानीय नहीं है, फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर उनका चयन हुआ है.


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