Chhattisgarh Politics: कद्दावर बीजेपी नेता के भाई कांग्रेस में शामिल? फोटो वायरल होने के बाद मचा सियासी बवाल
पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा के बड़े भाई धीरजन पैकरा के कांग्रेस में शामिल होने की फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है.
Balrampur News: छत्तीसगढ़ में साल 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों से ठीक पहले बलरामपुर जिले में बीजेपी और कांग्रेस में बवाल मच गया है. बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा के बड़े भाई धीरजन पैकरा के कांग्रेस में शामिल होने की एक फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है. जिसे लेकर बीजेपी ने आज एक प्रेसवार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की एक साजिश है. वहीं वर्तमान विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने जबरिया किसी को कांग्रेस प्रवेश नहीं कराया.
दरअसल, एक तस्वीर में बीजेपी नेता व पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा के बड़े भाई धीरजन पैकरा को कांग्रेस के विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज अपना साल ओढ़ा रहे हैं और दोनो के बीच मधुर सम्बन्ध भी दिख रहा है. मौके पर भारी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे और ऐसा कहा गया कि बीजेपी के कद्दावर नेता के भाई कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
सोशल मीडिया में फ़ोटो वायरल होने के बाद आज पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा और बीजेपी पदाधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस राजपुर में प्रेसवार्ता कर कहा कि धीरजन पैकरा ने कांग्रेस प्रवेश नहीं किया है, बल्कि यह कांग्रेसियों की एक चाल है. धीरजन पैकरा ने अपने बयान में कहा कि वो एक सर्टिफिकेट बनवाने के लिए तहसील कार्यालय गए थे और जब उसमें साइन की जरूरत पड़ी. तो वो विधायक के पास गए और उसी समय विधायक ने अपनी साल उन्हें ओढ़ा दिया.
इस संबंध में धीरजन पैकरा का कहना है कि "मैं पहले से भारतीय जनता पार्टी में हूं. तहसील में अपने काम से गया था. तब चिंतामणि देखे तो बुलाए हमारे तौलिए को लिए. फिर अपने चादर को मेरे कंधे पर रख दिए. मैने ऐसा करने से मना किया लेकिन वो नहीं माने. मै बहुत पहले से भारतीय जनता पार्टी में हूं. हमारे नाना थे लरंगसायजी, तब के समय से.
वहीं इस पूरे सियासी बवाल पर संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज का कहना है कि उन्होंने जबरिया धिरंजन पैंकरा को कांग्रेस प्रवेश नहीं कराया. बल्कि वे खुद अपने आप को कांग्रेस की दिवंगत नेता इंदिरा गांधी के जमाने से अपने आप को कांग्रेस कार्यकर्ता बता रहे थे और कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए थे.
संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज ने बताया कि "मैं बोलूंगा तो आपलोगों को लगेगा कि ये जबरदस्ती लाए ही थे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं था. अभी कुसमी और शंकरगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ. जिसमें बैठे हुए थे खुद वो (धीरजन पैकरा) आए. मुझे भी आश्चर्य हुआ. जब वो आ गए तो उन्हे बैठाना हमारा काम था. तो हमारे बगल में ही बैठे. लगभग दो घंटे तक हमारा कार्यकर्ता सम्मेलन चला. तब तो साथ में बैठे रहे.
उनसे हमारे एक दो कार्यकर्ता बात भी तो किए. तो वे बोले कि मैं कांग्रेस में आ जाऊंगा. इसके बाद हमने उनका गुलदस्ता, साल देकर स्वागत किया. अब वो बोल नहीं रहे उन्हें बुलवाया जा रहा. उन्होंने आगे कहा कि जब इंदिरा गांधी जी थी तब से हम कांग्रेस में है. अब ऐसा क्यों बोले ये मैं नहीं कह सकता. लेकिन अपने मुंह से बोले हैं. रिकॉर्डिंग देख सकते हैं. हमारा किसी को नीचा दिखाने का कोई उद्देश्य नहीं है. लेकिन कोई व्यक्ति स्वयं हमारे साथ आकर चलाना चाहे. तो हम उनका स्वागत करेंगे."
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