Chhattisgarh Vidhansabha Mansoon Season: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र (Mansoon Season) में विपक्ष की तरफ से लया गया अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) गिर गया. विधानसभा में ध्वनिमत से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बीजेपी (BJP) ने अपने अविश्वास प्रस्ताव में सरकार पर 109 आरोप लगाए थे, लेकिन जब सीएम भूपेश बघेल ( Bhupesh Baghel) ने उसके आरोपों पर जवाब देना शुरू किया तो बीजेपी ने वॉक आउट कर दिया. 


इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया. दरअसल, 18 जुलाई से 21 जुलाई तक विधानसभा की कार्यवाही चली. सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई. जो देर रात अविश्वास प्रस्ताव किरने के साथ समाप्त हुई. विपक्ष दूसरी बार भूपेश बघेल सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव लाया था, लेकिन विधानसभा में कांग्रेस 72 विधायकों की बहुमत के साथ खड़ी थी. इसलिए आसानी से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.


सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस
वहीं इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विधानसभा में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को घेरते हुए सदन में कहा "गूंगी बहरी सरकार को सुनाने के लिए अंग्रेजों के शासनकाल में नौजवानों ने धमाका किया था. आज छत्तीसगढ़ में काले अंग्रेजों का शासन है. उन्हें जगाने के लिए प्रदेश के नौजवानों ने नग्न प्रदर्शन किया है, लेकिन ये सरकार अंग्रेजों से भी बदतर है, जो उन नौजवानों के खिलाफ अपराध दर्ज कर रही है."


बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को घेरा
उन्होंने कहा कि इस अंतर्द्वंद की सरकार में मुख्यमंत्री को मंत्री पर भरोसा नहीं है. मंत्री को मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं है. इनको अपने संगठन पर भरोसा नहीं है. सब एक दूसरे को अपमानित करने में लगे हैं. इस सरकार के राज में कोई खुश नहीं है. इस सरकार में विधायक मंत्री के ऊपर जान से मारने का आरोप लगाता है. यह सरकार गरीबों को मकान नहीं दे पा रही है. उन्होंने कहा  कि ये सरकार गरीबों के लिए नल नहीं लगा पा रही है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है.


सीएम बघेल ने  क्या कहा
उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वो अविश्वास करे. सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि वो अपनी बात रखें. इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए. पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तो नक्सल समस्या पर पहले बात होती थी. इस बार सदस्यों ने इस पर बात नहीं की. ये हमारी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था. ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ. सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि मैं अभी भेंट-मुलाकात के दौरान में बस्तर में रात रुका. वहां सभी से मिला.


सीएम ने बताया भेंट-मुलाकात के दौरान का अनुभव
उन्होंने कहा कि इस भेंट-मुलाकात के दौरान एक बड़ा कमेंट मिला, जिसने मेरे दिल को छू लिया. उन्होंने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान मैंने जैन समाज के लोगों से पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया. उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती. आसानी से लोग यहां रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर अब बदल गया है.  पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थीं. आज यहां सड़कें काटी नहीं जाती. बस्तर में ये परिवर्तन देखने को मिला है. 


साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने यहां जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने शुरू कर दिया. राशन पहुंचाना भी पहले यहां टेढ़ी खीर थी. अब आसान हो गया है. गौरतलब है कि इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है. बता दें ये मॉनसून सत्र भूपेश बघेल सरकार का आखिरी सत्र था. अब सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग जाएंगे. पार्टियों का कैंपेन तेजी से होगा. राज्य में सितंबर महीने में आचार संहिता लगने का अनुमान है. वहीं नवंबर और दिसंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरा होने की संभावना है. 


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