Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के BJP अध्यक्ष अरुण साव ने सांसद पद से दिया इस्तीफा, विधायक बने रहेंगे
Arun Sao Resigns: अरुण साव छत्तीसगढ़ की लोरमी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. अब वे राज्य की राजनीति में अपनी भूमिका निभाएंगे. अरुण साव का नाम सीएम की रेस में भी लिया जा रहा है.
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Arun Sao News: छत्तीसगढ़ के बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव (Arun Sao) ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को सौंप दिया. वह विधायक बने रहेंगे. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लोरमी सीट से अरुण साव विधायक चुने गए हैं. सीएम के दावेदारों में भी उनका नाम चल रहा है.
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने अपने कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतारा था जिनमें से 12 सांसदों ने जीत दर्ज कर ली है. वहीं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने चार सांसदों अरुण साव को लोरमी, रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहरत, गोमती साय को पत्थल गांव और विजय बघेल को पाटन से टिकट दिया था. इनमें से विजय बघेल को छोड़कर तीनों ने जीत हासिल की है. उधर, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से विधायक चुने गए नेताओं को सांसद के पद से इस्तीफा देने का गया था. एक-एककर सभी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है जिनमें अरुण साव भी शामिल हैं.
बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को अरुण साव ने दी मात
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए जिसमें बीजेपी ने पांच साल के बाद सत्ता में वापसी की है. वह 54 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है. अरुण साव इस्तीफा देने से पहले छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट से लोकसभा सदस्य थे. उन्हें विधानसभा चुनाव में 75070 वोट मिले हैं और उन्होंने 45891 के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया है. उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी थानेश्वर साहू को मात दी है. अरुण साव को पिछले साल अगस्त में छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उधर, छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर जिन नामों की चर्चा है उनमें अरुण साव भी शामिल हैं. उनके अलावा रमन सिंह और रेणुका सिंह के नाम भी संभावितों में शामिल हैं.
बिना चेहरे के लड़ने का प्रयोग रहा सफल
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी इस बार बिना किसी सीएम के चेहरे के साथ चुनाव में आई. बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि पार्टी संयुक्त नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ रही है और जीतने के बाद ही सीएम के चेहरे की घोषणा होगी. बीजेपी का यह प्रयोग सफल भी रहा, क्योंकि छत्तीसगढ़ में चुनावी पंडित कांग्रेस की जीत का अनुमान जता रहे थे लेकिन 3 दिसंबर को जब नतीजे आए तो वह बेहद अप्रत्याशित थे. पूर्व सीएम बघेल जहां यह दावा कर रहे थे कि बीजेपी 15 सीटें भी नहीं जीत पाएगी, वहीं बीजेपी ने नतीजों से हैरान करते हुए 54 सीटें अपने नाम कर ली और कांग्रेस 71 से सीधे 35 सीटों पर सिमट गई.
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