(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh CM Name: रविवार को हो सकती है विधायक दल की बैठक, इन नामों में से होगा मुख्यमंत्री का चुनाव!
Chhattsgarh New CM: छत्तीसगढ़ में नए सीएम के लिए रविवार तक का इंतजार करना पड़ सकता है. बीजेपी की ओर से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक उसी दिन राज्य का दौरा करने वाले हैं.
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बीजेपी की विधायक दल की बैठक रविवार को होने की संभावना है जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा और साथ ही राज्य के नए सीएम के नाम से पर्दा उठ जाएगा. उधर, बीजेपी (BJP) के केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के लिए तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है जो कि वहां सीएम का चुनाव करेंगे. केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal), केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम (Dushyant Kumar Gautam) को पर्यवेक्षक बनाया गया जिनमें से मुंडा और सोनोवाल रविवार को छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे. वहीं दुष्यंत गौतम का कहना है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में सीएम की घोषणा कर दी जाएगी.
रेस में कौन-कौन नाम?
छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम की घोषणा के साथ ही सरकार का गठन होगा. हालांकि अभी कुछ ऐसे नाम है जिनपर काफी चर्चा चल रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार आदिवासी नेता को राज्य की कमान सौंप सकती है क्योंकि उसे आदिवासियों के काफी वोट मिले हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी एकतरह से देश के आदिवासी वोटरों को संदेश देना चाहती है और साथ ही उन राज्यों में जहां आदिवासी बहुल राज्य हैं. ऐसे में तीन नाम रेणुका सिंह, लता उसेंडी, गोमती साय के नाम पर चर्चा चल रही है. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी रेस में हैं. रमन सिंह और ओपी चौधरी भी दावेदारों हैं.
रेणुका सिंह बड़ी दावेदार बनकर उभरीं
इन सभी सबसे ज्यादा चर्चा रेणुका सिंह के नाम पर चल रही है. बीजेपी की महामंत्री रह चुकीं रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ में बीजेपी का बडा़ आदिवासी चेहरा हैं. वह केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं. भरतपुर-सोनहत सीट से जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे सांसद पद से इस्तीफा देने कहा था और उन्होंने उसका पालन किया. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नेड्डा से भी मुलाकात की.
मैं रेस में नहीं- लता उसेंडी
उधर, लता उसेंडी, रमन सिंह सरकार में मंत्री रह चुकी हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि वह सीएम की रेस में नहीं हैं. पार्टी जो भी फैसला करेगी सभी उसका सम्मान करेंगे. वहीं, गोमती साय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पार्टी की एक सिपाही है और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा है जो भी फैसला होगा, वह पालन करेंगी. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में गोमती साय ने कहा, ''मैं तो यही कह सकती हूं प्रदेश के पर्यवेक्षक नियुक्त हो गए हैं. तीनों अपना-अपना काम करेंगे. मैं एक विधायक हूं. भारतीय जनता पार्टी की छोटी सी सिपाही हूं.भारतीय जनता पार्टी हमारे सेनानायक हैं. सेना को जो आदेश दिया जाता है वही करता है. केंद्रीय नेतृत्व के आदेश का पालन करूंगी.''
सबके हित में लिया जाएगा फैसला- गोमती साय
राज्य में कौन सीएम होगा? इस सवाल पर गोमती साय ने कहा, "हमलोगों को मोदी जी और केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा है. हमलोग कभी पता लगाने की कोशिश नहीं करते हैं. मैं खासकर हमारे केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा करती हूं जो निर्णय लेंगे सभी के हित में होगा.'' बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में 54 सीटें जीती हैं. बीजेपी को आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली हैं. राज्य में आदिवासियों के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं और इनमें से 17 सीटें इस बार बीजेपी जीतने में कामयाब रही है. वहीं, कांग्रेस को इस बार आदिवासी क्षेत्र में झटका लगा है जहां वह केवल 11 सीटें ही जीत पाई है जबकि 2018 के चुनाव में उसे यहां 25 सीटें मिली थीं.
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