CGBSE Board Exam Results 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वीं 12 वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. इस साल 10 वीं में जशपुर (Jashpur ) के छात्रों ने बाजी मारी है. 12 वीं में फिर से रायगढ़ (Raigarh) जिले के छात्र ने टॉप किया है. कक्षा दसवीं में पूरे प्रदेश में जशपुर के राहुल यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, लेकिन कुछ आंकड़े चिंता का विषय बने हुए हैं क्योंकि इस साल बोर्ड परीक्षा में 1 लाख से अधिक छात्र फेल हो गए हैं.


दरअसल, 10वीं और 12वीं में कुल 6 लाख 53 हजार 321 छात्रों के रिजल्ट जारी किया गया है. इसमें से 5 लाख 6 हजार 221 छात्र पास हुए हैं. 1 लाख से अधिक छात्र बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं. इसमें 41 हजार के आस पास बच्चे 12वीं में फेल हुए हैं और 10 वीं में 60 हजार के आस पास बच्चे फेल हुए हैं. इसके अलावा 10वीं में 17 हजार 923 छात्र पूरक हुए हैं. अलग अलग कारणों से 620 छात्रों का रिजल्ट रोका गया है. वहीं 12वीं में 22 हजार 751 छात्र पूरक की श्रेणी में हैं और 359 छात्रों का रिजल्ट अलग अलग कारणों से रोका गया है.


10वीं बोर्ड में 60 हजार बच्चे फेल हुए
10वीं के मुख्य परीक्षा 3 लाख 37 हजार 569 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. इनमें से 3 लाख 30 हजार 681 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए, जिनमें से 1 लाख 52 हजार 891 छात्र और 1 लाख 77 हजार 790 छात्राओं ने परीक्षा में हिस्सा लिया. इसमें से 3 लाख 30 हजार 55 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम जारी किया गया है. इसमें पास होने वाले छात्रों की संख्या 2 लाख 47 हजार 721 है. यानी कुल 75.5 फीसदी बच्चे पास हुए हैं. पास हुए छात्रों में 79.16 फीसदी छात्राएं है और 70.28 फीसदी छात्र है. 12वीं के मुख्य परीक्षा में कुल 3 लाख 28 हजार 121 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए.


12वीं बोर्ड में 40 हजार से अधिक बच्चे फेल
इनमें से 3 लाख 23 हजार 625 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए, जिनमें से 1 लाख 43 हजार 919 छात्र और 1 लाख 79 हजार 706 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुई. इनमें से 3 लाख 23 हजार 266 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम जारी किया गया है. इस परीक्षा में पास छात्रों की कुल संख्या 2 लाख 58 हजार 500 है. यानी कुल 79.96 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए हुए. इसमें छात्राओं का फीसदी 83.64 रहा तो छात्रों का 75.36 फीसदी रहा. 


बच्चों के फेल होने के पीछे बड़ी वजह
बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को लेकर शिक्षाविद डॉ जवाहर सूरी शेट्टी ने एबीपी न्यूज से कहा कि सभी बोर्ड में फेल होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है. इसके पीछे कुछ बड़ी वजह है. सबसे पहले तो बच्चों ने कोरोना के बाद लिखना काम कर दिया है. छात्र परीक्षा में लिख नहीं पा रहा है. ये सबसे बड़ा कारण है. दूसरा ऑनलाइन एग्जाम की आदत से फिजिकल एग्जाम में थोड़ी तकलीफ होती है. इसके लिए शिक्षकों को थाली भर के खाना देने की जगह पढ़ाने के तरीके में बदलाव करना पड़ेगा. 


उन्होंने कहा कि रोजाना बच्चों क्लास में कम से कम आधे आधे घंटे लिखने की आदत डालने पर काम करना चाहिए. ऑनलाइन पढ़ाई पढ़ाई उतनी असरदार नहीं है, इसलिए पुराने कोर्स का सिलेबस भी आधा घंटा पढ़ना चाहिए. इससे भरपाई हो सकती है.


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