Chhattisgarh Assembly Election 2023: मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने अगले महीने होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव दो चरणों में सात और 17 नवंबर को होंगे.
बीएसपी नेताओं ने बताया कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर 17 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की गई है. सूची में एक महिला उम्मीदवार भी शामिल है. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने बताया कि पार्टी ने अब तक 26 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीएसपी ने जिन 17 सीटों के लिए नामों कि घोषणा की है उनमें से नौ अनुसूचित जनजाति (एसटी) और तीन अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं.
सूची के अनुसार पार्टी ने नरेंद्र साहू (भटगांव सीट), इन्नोसेंट कुजूर (पत्थलगांव- एसटी), नारायण रत्नाकर (सारंगढ़ - एससी), सत्यवती राठिया (धरमजयगढ़-एसटी), जगतराम राठिया (रामपुर- एसटी), जयनारायण किशोर ( सरायपाली - एससी), सुफल साहू (खल्लारी), लालचंद पटेल (कुरुद), चैतराम राज (पंडरिया), बहादुर कुर्रे (डोंगरगढ़-एससी), जालम सिंह जुर्री (भानुप्रतापपुर-एसटी), दिनेश कुमार मरकाम (केशकाल-एसटी), गिरधर नेताम (कोंडागांव-एसटी), रामधर बघेल (बस्तर-एसटी), संपत कश्यप (जगदलपुर), अजय कुड़ियाम (बीजापुर-एसटी) और मसा मड़कामी (कोंटा) को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.
बीएसपी का जीजीपी के साथ गठबंधन
बीएसपी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सीट-बंटवारे समझौते के अनुसार, बीएसपी और जीजीपी 90 सदस्यीय विधानसभा में 53 और 37 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
पिछले चुनाव में बीएसपी को मिले थे 3.87 प्रतिशत वोट
पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. पिछले चुनाव में बीएसपी ने अकेले 3.87 प्रतिशत वोट पाकर दो सीटें- जैजैपुर और पामगढ़ जीती थीं, जबकि उसके गठबंधन सहयोगी जेसीसी (जे) को 7.6 प्रतिशत वोट मिले और पांच सीटें जीती थीं.
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
जीजीपी ने 2018 में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और असफल रही थी. यहां तक कि 36 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत भी खो दी थी. पिछले चुनाव में जीजीपी को 1.73 फीसदी वोट मिले थे. बीएसपी का मध्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की आबादी के बीच काफी प्रभाव है. जीजीपी को बिलासपुर और सरगुजा क्षेत्र के कुछ आदिवासी बहुल हिस्सों में समर्थन प्राप्त है. राजनीति के जानकारों के अनुसार, बीएसपी और जीजीपी सत्ताधारी दल कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.