Chhattisgarh Budget: बजट में सीएम बघेल ने अनियमित कर्मचारियों दिया झटका! 12 मार्च को सभा करेंगे अनियमित कर्मचारी
Chhattisgarh: सीएम भूपेश बघेल और सरकार के बजट से निराश प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों ने 12 मार्च को एक बड़ी सभा आयोजित की है. इस सभा में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
Chhattisgarh Budget 2023-24: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की कांग्रेस (Congress) सरकार ने चुनावी साल में बजट (Budget) का पिटारा खोल दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सोमवार को ने 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ का बजट पेश किया. इसमें राज्य के युवाओं को होली के पहले मुख्यमंत्री ने बड़ी सौगात दी है. राज्य के 12 वीं पास युवाओं को जिनकी वर्षीय आय ढाई लाख रुपये तक होगी उनको हर महीने 2500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.
लेकिन राज्य के बड़े वर्ग को इस बजट में बड़ा झटका मिला है. राज्य के लाखों अनियमित कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. दरअसल राज्य में 5 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी है. इनको कांग्रेस सरकार से बड़ी उम्मीद थी. ये कर्मचारी लंबे समय नियमितीकरण की मांग कर रहे थे, लेकिन बजट में अनियमित कर्मचारियों को लेकर कोई प्रावधान नहीं था. इससे नाराज होकर कर्मचारियों ने 12 मार्च को एक बड़ी सभा आयोजित की है. अनियमित कर्मचारियों की इस सभा में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. इससे सरकार सरकार कामकाज भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकते है्.
12 मार्च को होगी कर्मचारियों की बड़ी सभा
अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार का अंतिम बजट हमारे जैसे कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है. सरकार ने अपनी अंतिम बजट में अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान न कर इनके अधिकारों और सपनों को कुचले का काम किया है. इसलिए हमारा सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. इसके लिए 12 मार्च को नया रायपुर के धरना स्थल तुता में अनियमित कर्मचारी सभा का आयोजन किया जाएगा. इसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इसमें प्रदे शभर से हजारों अनियमित कर्मचारी शामिल होंगे.
वहीं छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को याद दिलाते हुए कहा कि इस बजट में 5.5 लाख अनियमित कर्मचारी निराश हो गए हैं. उनमें बजट को लेकर आक्रोश है. चुनावी घोषणा पत्र के समय एक हाथ में गंगाजल और एक हाथ में चुनावी मेनिफेस्टो लेकर कांग्रेस सरकार ने कहा था कि हम 10 दिन के अंदर कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे. उसके बाद उन्होंने कहा था कि पहला साल का किसान होगा. दूसरा साल कर्मचारियों का होगा. मगर ऐसा नहीं हुआ.
प्रति एकड़ 25 क्विंटल धान खरीदी का प्रावधान नहीं हुआ
इधर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने बजट को तुष्टिकरण बताया है. महासंघ के नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि चुनावी साल में कांग्रेस सरकार को अपना चुनावी घोषणा पत्र पूरा करने वाला बजट पेश करना चाहिए था जो हुआ नहीं. किसानों को 6800 करोड़ रुपये किसान न्याय योजना तक सीमित कर दिया गया है, जबकि किसानों की उम्मीदें थी कि उनकी उपज की प्रति एकड़ 22 से 25 क्विंटल खरीदी की जाएगी. लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं हुआ.
नियमितीकरण पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जवाब
गौरतलब है कि नियमितीकरण की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में लिखित जवाब दिया है. उन्होंने बताया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश 2019 में ही प्रमुख सचिव, वाणिज्य और उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इस समिति की पहली बैठक 2020 में हुई थी.
उन्होंने बताया कि इसमें शाशन के सभी 44 विभागों से प्रदेश के अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या की जानकारी मांगी गई थी. लेकिन अबतक 38 विभाग से ही जानकारी मिली है. अभी 8 विभागों से जानकारी बाकी है इसलिए नियमितीकरण करने का समय बताना संभव नहीं है.