Chhattisgarh Budget 2023 New: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल 2023-24 का आम बजट सोमवार को पेश किया है और इसमें बस्तर के खिलाड़ियों और छात्रों को भी बड़ी सौगात देते हुए दरभा के झीरम गांव में तीरंदाजी खेल अकादमी खोलने की घोषणा की है, साथ ही नारायणपुर के अबूझमाड़ में मलखंब अकादमी खोलने की घोषणा की है, जिससे बस्तर के खिलाड़ियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.
दरभा झीरम घाटी को जाना जाता था नक्सलियों का गढ़
दरअसल अब तक दरभा झीरम घाटी को नक्सलियों के गढ़ के नाम से जाना जाता था. 5 मई 2013 को इसी झीरम घाटी में नक्सलियों ने सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया था, जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं और पुलिस के जवानों की शहादत हो गई थी, इसके बाद से यह इलाका नक्सलियों के गढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन कुछ सालों से झीरम की तस्वीर बदलने से यहां झीरम घाटी स्मारक बनाया गया और अब शहीदों के नाम से झीरम गांव में तीरंदाजी खेल अकादमी खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है. खास बात यह है कि इस इलाके के छात्र अब हाथ में बंदूक नहीं बल्कि तीर-धनुष पकड़कर अंतर्राज्यीय और राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेंगे और अपने गांव झीरम के साथ प्रदेश का भी नाम रोशन करेंगे. इसके अलावा अबूझमाड़ के छात्रों में भी मलखंब के हुनर को देखते हुए मलखंभ अकादमी खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है, जिसको लेकर अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित गांव के बच्चों में काफी खुशी का माहौल है. इसके अलावा बस्तर जिले में एडवेंचर स्पोर्ट्स अकादमी खोलने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने की है.
लंबे समय से यहां के छात्र कर रहे थे मांग
दरअसल. लंबे समय से यहां के छात्र तीरंदाजी खेल अकादमी खोलने की मांग सरकार से कर रहे थे, क्योंकि बस्तर के आदिवासी छात्र तीरंदाजी में काफी माहिर है, ऐसे में भूपेश बघेल ने अपने बजट में तीरंदाजी खेल अकादमी को नक्सल प्रभावित क्षेत्र झीरम गांव में खोलने की घोषणा की है, जिसको लेकर पूरे जिले के छात्रों में काफी खुशी का माहौल है, छात्रों का कहना है कि तीरंदाजी खेल अकादमी खोलने से वे अच्छे से अभ्यास करने के साथ राष्ट्रीय लेवल के खेलों के आयोजन में हिस्सा ले सकेंगे, उनका कहना है कि हमेशा से ही झीरम घाटी नक्सलवाद के नाम से जाना जाता है, यहां के युवाओं को नक्सली अपने साथ ले जाते है लेकिन अब इस इलाके में तीरंदाजी खेल अकादमी की घोषणा काफी राहत भरी खबर है. सबसे पिछड़ा हुआ क्षेत्र कहे जाने वाले नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में भी लंबे समय के बाद आखिरकार मलखम्ब अकादमी खोलने की घोषणा से यहां के भी आदिवासी युवाओं में काफी खुशी का माहौल है, दरअसल मलखम्ब में अबूझमाड़ के 10 साल से लेकर 18 साल तक के युवा अपने हुनर से कई गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, ऐसे में उनके खेल को निखारने के लिए मलखंब अकादमी खोलने की घोषणा से छात्रों में काफी खुशी है...
मेडिकल कॉलेज की भी मिली सौगात
दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद बस्तर के छात्रों में काफी खुशी है, उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज खुलने से डॉक्टरी की शिक्षा लेने में काफी फायदा मिलेगा, क्योंकि बस्तर में बाहरी राज्यों और संभाग से कोई भी डॉक्टर अपनी सेवा देने बस्तर नहीं आना चाहते हैं, ऐसे में गीदम में मेडिकल कॉलेज खुलने से बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर और आसपास के गांव के युवाओं को मेडिकल की शिक्षा प्राप्त होगा और आगे जाकर वे प्रैक्टिस कर बस्तर में ही अपनी सेवा देंगे.