छत्तीसगढ़ में 9 फरवरी को पेश होगा बजट, साय सरकार से आदिवासी छात्रों की क्या हैं उम्मीदें?
Chhattisgarh Budget News: आदिवासी छात्रों का कहना है कि स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा में भी शिक्षकों की भारी कमी है, जो बस्तर के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह है.
Chhattisgarh Budget 2024: छत्तीसगढ़ में विधानसभा का पहला बजट सत्र शुरू हो चुका है. ये एक मार्च तक चलेगा. इस दौरान प्रदेश की जनता के लिए विष्णुदेव साय की सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी. 9 फरवरी को प्रदेश के वित्त मंत्री ओम प्रकाश चौधरी बजट पेश करेंगे. बजट को लेकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. खासकर इलाके के आदिवासी छात्र सरकार से काफी आस लगाए हुए हैं.
बस्तर के आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार को लेकर इस बजट से कई उम्मीदें हैं. आदिवासी छात्रों का कहना है कि राज्य गठन के 23 साल पूरे होने के बाद आज भी शिक्षा के क्षेत्र में बस्तर काफी पिछड़ा हुआ है. संसाधनों की कमी और तकनीकी शिक्षा नहीं मिल पाने की वजह से बाकी संभाग के मुकाबले बस्तर संभाग के छात्र शिक्षा में काफी पिछड़े हुए हैं.
'शिक्षा पर हो फोकस'
आदिवासी छात्रों का कहना है कि स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा में भी शिक्षकों की भारी कमी है, जो बस्तर में शिक्षा में पिछड़ने की सबसे प्रमुख वजह है. ऐसे में छात्रों को उम्मीद है कि इस बार राज्य सरकार की आम बजट में खास तौर से शिक्षा पर फोकस किया जाएगा. ज्यादातर छात्र आस लगाए हैं कि इस बार राज्य में और खासकर बस्तर संभाग में ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती होगी.
केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा की मांग
वहीँ बस्तर के ग्रामीण इलाकों के छात्रों का कहना है कि पिछली सरकार ने केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई को नि:शुल्क करने की बात कही थी. नई सरकार से भी यही उम्मीद है कि वह मेडिकल पढ़ाई के लिए फीस को कम कर दे, ताकि गरीब परिवार के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बन सके. इसके अलावा छात्रों ने कहा कि बस्तर में स्थित यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर्स की कमी को दूर करने की मांग की है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में जो विषय बस्तर में नहीं है, उनका भी विस्तार करना चाहिए, ताकि बस्तर के युवा शिक्षित हो सकें और युवाओं को बाहर पढ़ाई करने के लिए ना जाना पड़े.
बेरोजगारी भत्ता देने की मांग
छात्रों ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में छात्रों को बेरोजगारी भत्ता मिलती थी, ऐसे में अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है और महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को राशि दी जा रही है. युवा छात्र भी अपने लिए ऐसी योजना की घोषणा किए जाने की मांग कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि स्थानीय स्तर पर भी भर्ती निकाली जानी चाहिए, जिससे शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. वहीं युवाओं को रोजगार के लिए मिलने वाले लोन की प्रक्रिया को आसान करने की भी मांग उठी है. वहीं केंद्र स्तर की परीक्षाओं को केवल राजधानी रायपुर में ही नहीं बल्कि सभी संभाग मुख्यालय में भी सेंटर देने चाहिए, जिससे सभी अभ्यर्थी कम से कम दूरी तय कर परीक्षा दे सके.
शासकीय विभागों में स्थानीय लोगों की भर्ती की मांग
शिक्षित आदिवासी युवाओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्थानीय भर्ती में आदिवासी युवाओं को प्राथमिकता नहीं मिलने के चलते कांग्रेसी विधायकों के कार्यालय का घेराव करने के साथ युवाओं को समाज के लोगों के साथ आंदोलन भी करना पड़ा है. ऐसे में उन्होंने इस बजट से उम्मीद लगाई है कि शिक्षित बेरोजगारों के लिए शासकीय विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के दौरान स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि अपने ही क्षेत्र में युवाओं को रोजगार मिल सके.
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