Chhattisgarh Assembly Budget Session 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में बजट सत्र (Budget Session) का दूसरा चरण शुरू हो गया है. 13 मार्च को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ है. अक्सर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा होता है, लेकिन सोमवार को दिलचस्प बहस हुई. प्रश्न काल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने खुद के सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे (Ravindra Choubey) को ही घेर लिया. पीसीसी चीफ ने कोंडागांव में डीएमएफ फंड के सात करोड़ रुपये में गड़बड़ी का  आरोप लगाया है.


दरअसल, पीसीसी चीफ मोहन ने सोमवार को कृषि मंत्री मंत्री रविंद्र चौबे को जमकर घेरा. मरकाम ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अफसर पर डीएमएफ फंड के पैसे पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया. इस मामले में मोहन मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से विधानसभा समिति से जांच की मांग की है. इस मामले पर विधानसभा में लंबी बहस चली विपक्ष ने मोहन मरकाम का साथ दिया और मंत्री रविंद्र चौबे से जांच करवाने की मांग करने लगे. वहीं मंत्री रविंद्र चौबे ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर राज्यस्तरीय अधिकारियों से जांच कराने की घोषणा की और 1 महीने के भीतर रिपोर्ट भी देने का एलान कर दिया है.


राज्यस्तरीय अधिकारियों से जांच करवाने घोषणा


पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को अपने ही सरकार पर हमलावर होते देख विपक्ष ने पुरजोर तरीके से उनका साथ दिया. बीजेपी ने मोहन मरकाम की हां में हां मिलाते हुए जांच की मांग की. साथ ही विपक्ष ने मंत्री रविंद्र चौबे का इस्तीफा भी मांग लिया. बात बिगड़ती देख रविंद्र चौबे ने मामला संभाला और विधानसभा में राज्य स्तरीय अधिकारियों से जांच कराने की घोषणा की.


मंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि मोहन मरकाम ने आर.ई.एस. विभाग को नोडल एजेंसी के रूप में कार्य आवंटन के बारे में प्रश्न पूछा है. दो एजेंसी एक साथ काम नहीं कर सकती हैं. लेकिन वह नक्सली क्षेत्र है. शासन को आदेश दिया गया है कि इसके लिए जिला निर्माण समिति का गठन किया जाएगा. बिना निर्माण समिति के द्वारा कलेक्टर को यह भी अधिकार है कि नोडल अधिकारी बना सकता है.


इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मामले की विधानसभा समिति से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में 3 विधायक हैं. एक विधानसभा उपाध्यक्ष है. बाकी हमको भी विधानसभा समिति की जांच समिति का सदस्य बनाया जाए. इसके बाद विपक्ष ने भी इस मांग पर सहमति जताई. इस दौरान विधायक धरमजीत सिंह ने विवाद पर तंज कसते हुए कहा कि मरकाम आज भयमुक्त होकर बोल रहे हैं.
बीजेपी ने मंत्री रविंद्र चौबे का इस्तीफा मांग लिया.


बीजेपी को मिला मुद्दा


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया. इस पर बीजेपी को घर बैठे मुद्दा मिल गया है. बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा में कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है. उनको इस्तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने मंत्री रविंद्र चौबे से कहा कि आपकी पार्टी के अध्यक्ष इतना बड़ा आरोप लगा रहे हैं, अपको तो इस्तीफा दे देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में डीएमएफ फंड में बंदरबाट चल रही है.


किस सवाल पर मचा बवाल


गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कोंडागांव जिले में पंचायत विभाग के दो साल में किए गए कार्यों की जानकारी मांगी. यह भी पूछा कि वहां कौन अफसर पदस्थ है और उनके पास अन्य विभागों के चार्ज भी हैं क्या? आरईएस निर्माण एजेंसी है पर उसे सप्लाई का भी अधिकार है क्या? इन सवालों  पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कलेक्टर को विशेषाधिकार है वह किसी को भी नोडल बना सकता है. 


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