Chhattisgarh Business Summit 2022: इन दिनों साइंस और टेक्नोलॉजी इंसानों के काम को आसान और कम समय में पूरा करने की तकनीक इजाद कर रहा है. इसमें ड्रोन के निर्माण से पूरी दुनिया में नई क्रांति आई है. ड्रोन से खेती में दवाई का छिड़काव किया जा रहा है और ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जा रही है. वहीं अब ड्रोन की डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में ड्रोन निर्माण के लिए बड़ा कदम उठाया गया है.


ड्रोन और इथेनॉल इकाई लगाने के लिए एमओयू
दरअसल, नई दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ बिजनेस समिट का आयोजन किया गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से आए उद्यमी, निर्यातक और व्यवसायियों ने भाग लिया है. इस मौके पर छत्तीसगढ़ शासन ने इथेनॉल और ड्रोन उत्पादन इकाई स्थापना के लिए दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इस दौरान बिजनेस समिट में छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रगतिशील और संभावनाओं से भरा राज्य है. प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत उद्यमियों के लिए कई प्रकार की रियायत और सुविधाएं दी जा रही हैं. 


ड्रोन निर्माण के लिए लगाई जाएगी फैक्ट्री
इथेनॉल उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए एनकेजे बायोफ्यूल, दुर्ग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह कंपनी 140 करोड़ का निवेश करेगी. कंपनी की ओर से राजेश गौतम ने हस्ताक्षर किए. वहीं दूसरा एमओयू ड्रोन व यूएवी मैनुफेक्चरिंग यूनिट के लिए डेबेस्ट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया. कंपनी की ओर से मनीष वाजपेई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. यह कंपनी 50.95 करोड़ का निवेश करेगी व 4500 यूनिट स्थापित करेगी.


छत्तीसगढ़ में स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज
उद्योग विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया है. इसमें उद्योगों को कई स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है. कठिन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है. कई प्रकार की रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जा रही है. स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज प्रदान किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कोर सेक्टर के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज और हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों में भी फोकस किया जा रहा है.