Chhattisgarh: कहीं मंडप में बैठ चुका था दूल्हा, कहीं दुल्हन को लग रही थी हल्दी, दो बाल विवाह मौके पर कराया गया कैंसल
Chhattisgarh: बिलासपुर जिले में एक ही दिन में दो बच्चों के बाल विवाह का मामला सामने आया है. जिस पर कार्रवाई करते हुए जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने दोनों शादियां रुकवा दी.
पूरे देश में बाल विवाह रोकने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार प्रसार किये जा रहे हैं और लोगों को बाल विवाह न करने और न कराने की हिदायत भी दी जा रही है. इसके लिए लगातार विभागों द्वारा निगरानी भी की जाती है. लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक ही दिन में दो बच्चों के बाल विवाह का मामला सामने आया है. जिस पर कार्रवाई करते हुए जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने दोनों की शादी रुकवा दी है और परिजनों को हिदायत दी है कि बच्चों की उम्र जो सरकार द्वारा निर्धारित की गई है उसी उम्र में ही शादी करें. वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बाल विभाग की टीम ने दोनों नाबालिगों की शादी रुकवाई
दरअसल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दो नाबालिगों के बाल विवाह का मामला सामने आया है. अलग- अलग मामलों में दोनों नाबालिगों का बाल विवाह कराया जा रहा था. हालंकि, सूचना पर जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने दबिश देकर दोनों नाबालिगों का बाल विवाह रुकवा दी है. इसके साथ ही बालिग होने पर ही शादी करने की चेतावनी परिजनों को दी गई है और शपथ पत्र लिया गया है.
एक के घर मंडप में बैठ गया था दूल्हा, दूसरी बच्ची की चढ़ रही थी हल्दी
दरअसल पूरा मामला बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी और पचपेड़ी क्षेत्र का है. जिला महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना मिली थी कि यहां नाबालिगों का बाल विवाह कराया जा रहा है. इस सूचना पर जिला बाल संरक्षण की टीम ने सिरगिट्टी और पचपेड़ी में दबिश दी. जहां सिरगिट्टी में 14 वर्षीय नाबालिग के हल्दी का रस्म किया जा रहा था. वहीं पचपेड़ी में 16 वर्षीय नाबालिग के घर दूल्हा बारात लेकर खुद भी गया था और शादी के मंडप पर बैठ भी गया था तभी महिला एवं बाल विकास की टीम पहुंची और शादी को रुकवाया गया.
बाल विभाग की टीम ने परिजनों को दी कार्रवाई करने की चेतावनी
जिला बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि दो अलग-अलग क्षेत्रों में बाल विवाह कराया जा रहा है जिसकी सूचना पर हम लोग दोनों जगहों पर पहुंचे सबसे पहले हमने दोनों नाबालिगों के उम्र के सत्यापन के लिए जरूरी दस्तावेज देखे. जिसमें दोनों के नाबालिग होने की पुष्टि हुई. जिसके बाद टीम ने दोनों नाबालिगों का विवाह रुकवा दिया. हालंकि इस दौरान परिजन विवाह रोकने के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के बाद परिजन बालिग होने पर ही शादी करने के लिए मान गए. जिसके बाद परिजनों से शपथ पत्र लेकर टीम लौट गई.
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