(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: कृमि मुक्ति दिवस और शिशु संरक्षण माह की रूपरेखा तैयार, इस दिन दी जाएगी बच्चों को दवा
छत्तीसगढ़ में एक निश्चित आयु वर्ग के बच्चों को कृमि के रोकथाम की दवा दी जाएगी. विभागों के अधिकारियों को इसे सफल बनाने के लिए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए गए हैं.
Chhattisgarh: राज्य में आगामी 10 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day) का आयोजन किया जाएगा. शिशुओं के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए राज्य में 28 फरवरी से 31 मार्च 2023 तक शिशु संरक्षण माह (Child Protection Month) मनाया जाएगा. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने मंत्रालय में राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक लेकर दोनों अभियानों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने बैठक में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के अधिकारियों को दोनों अभियानों में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए.
10 फरवरी में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस दी जाएगी कृमि दवा
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर यानि 10 फरवरी को प्रदेश में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के आयु वर्ग के, सभी बच्चों के साथ किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जाएगी. आंगनबाड़ियों, शासकीय विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में बच्चों को कृमि की दवा का सेवन कराया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में 28 फरवरी से होगा शिशु संरक्षण माह
वहीं 28 फरवरी से 31 मार्च तक शिशु संरक्षण माह के दौरान पांच वर्ष से कम आयु यानि 6 माह से 59 माह तक के बच्चों को आईएफए सिरप और नौ माह से 59 माह तक के बच्चों को विटामिन 'ए' की ख़ुराक दी जाएगी. बच्चों और किशोरों के अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर पोषण, नियमित शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए कृमिनाशक दवा के साथ विटामिन 'ए' और आईएफए सिरप देना आवश्यक है.
अधिकारियों ने की इन आयोजनों की रूपरेखा तैयार
राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में दोनों आयोजनों की रूपरेखा और प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई. बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चंद्रकांत वर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, गैर-सरकारी संगठन एविडेंस एक्शन के साथ दूसरे संस्थाओं के अधिकारी भी मौजूद थे.
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