एक्सप्लोरर
Chhattisgarh: बिना पुल वाली नदी पार करके स्कूल जाने की मजबूरी, जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंची शिकायत
Chhattisgarh News: छीरोपारा में प्राइमरी स्कूल का संचालन किया जाता है. जहां इस वर्ष पांचवी में पढ़ने वाले बच्चे पास आउट हुए. तो दूसरे पारा में स्थित मिडल स्कूल में ट्रांसफर कर दिया.
![Chhattisgarh: बिना पुल वाली नदी पार करके स्कूल जाने की मजबूरी, जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंची शिकायत Chhattisgarh Children are forced to go to school by crossing the overflowing river parents protest ann Chhattisgarh: बिना पुल वाली नदी पार करके स्कूल जाने की मजबूरी, जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंची शिकायत](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/07/66cfb09ba255492840a08b247d543d9b1688725963428694_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
(अभिभावक अपनी मांग को रखते हुए)
Source : अमितेष पांडे
Surguja News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है. विकास के नाम पर नेता वोट मांगने घर-घर दस्तक देंगे. ऐसा ही हर चुनाव में होता चला आ रहा है, लेकिन विकास कितना हुआ, लोगों को कितना फायदा हुआ. ये धरातल पर उतरने पर ही पता चलता है. ऐसे ही विकास की हकीकत सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा में देखने को मिल रही है. यहां के एक गांव में नदी में पुल नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. और अब हालत ऐसे हो गए हैं कि अभिभावक अपने गांव के स्कूल में ही अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते, क्योंकि गांव के एक पारा से दूसरे पारा में जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है, और नदी में पुल नहीं है. इससे बच्चों को नदी पार करने के दौरान हादसे का डर बना रहता है.
मिडल स्कूल में ट्रांसफर कर दिया
दरअसल, मामला सीतापुर ब्लाक अंतर्गत पोड़ीकला गांव का है. यहां के छीरोपारा में प्राइमरी स्कूल का संचालन किया जाता है. जहां इस वर्ष पांचवी में पढ़ने वाले बच्चे पास आउट हुए. तो वहां के हेडमास्टर ने सभी बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट गांव के ही दूसरे पारा में स्थित मिडल स्कूल में ट्रांसफर कर दिया. इसको लेकर बच्चों के अभिभावक आपत्ति जता रहे है, क्योंकि जिस मिडिल स्कूल में बच्चों का टीसी ट्रांसफर किया गया है, वहां जाने के लिए बच्चों को नदी पार करना पड़ेगा.
टीसी देने से मना कर दिया
वैसे तो स्कूल पोड़ी कला गांव में ही है. लेकिन प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल में बीच में नदी पड़ता है, जो इन दिनों बारिश की वजह से भरा हुआ है और नदी में पुल भी नहीं है. ऐसे में बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को नदी पार करने के खतरे में नहीं डालना चाहते और गांव के नजदीक में ही संचालित मिडिल स्कूल में पढ़ाना चाहते है. लेकिन समस्या ये है कि प्राइमरी स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के अभिभावकों को टीसी देने से मना कर दिया और बच्चों का टीसी पंडोपारा के मिडिल स्कूल में ट्रांसफर कर दिया.
मिडिल स्कूल खाली हो जाएगा
ऐसे में पोड़ीकला के अभिभावकों ने सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात की और अपनी समस्या से अवगत कराया. अभिभावकों ने अधिकारी से मांग कि की उनके बच्चों का टीसी उन्हें दिया जाए. वे नजदीक के ही मिडिल स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराएंगे. जिससे उन्हें नदी पार पर पंडोपारा नहीं जाना पड़ेगा. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे का कहना है कि जिन स्कूलों में एडमिशन कराना चाहते है, वहां के प्राचार्य से लिखित में लेकर आएं कि उनके स्कूल में सीट खाली है. अगर सभी बच्चों का टीसी एक साथ दे दिया गया तो मिडिल स्कूल खाली हो जाएगा.
आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है
गौरतलब है कि सीतापुर विधानसभा से अमरजीत भगत चार बार विधायक बने हैं. इस बार मंत्री भी बन गए है. लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र से विकास की ऐसी तस्वीर सामने आ रही है. आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां बरसात के दिनों में नदी-नाले उफान पर होते है, लेकिन उसमे पुल नहीं बने है. जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बहरहाल, आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में देखना होगा कि अब नेता वोट मांगने जाएंगे तो कौन से विकास का वादा करेंगे.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
महाराष्ट्र
भोजपुरी सिनेमा
बॉलीवुड
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
शिवाजी सरकार
Opinion