Chitrakot Waterfall: चित्रकोट वाटरफॉल खूबसूरती देख रह जाएंगे दंग, हर साल आते हैं लाखों पर्यटक
Chhattisgarh Tourist Places: छत्तीसगढ़ का चित्रकोट वाटरफॉल पूरे विश्व में अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है. इस वॉटरफॉल की ऊंचाई 9 फिट है. इस वॉटरफॉल को भगवान राम से जुड़ी मान्यताएं भी है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का बस्तर (Bastar) अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों (Tourist Places) के लिए पूरे विश्व में मशहूर है, यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता, खूबसूरत वाटरफॉल और नैसर्गिक साल वन और गुफाएं बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए देखने वाली जगहों में से एक होती हैं. बस्तर के प्रसिद्ध वाटरफॉल में से एक है चित्रकोट वाटरफॉल (Chitrakoot Waterfall), जो मिनी नियाग्रा (Mini Niagara) के नाम से मशहूर है. लगभग 90 फीट ऊंचाई से गिरता यह वाटरफॉल लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है.
चित्रकोट वाटरफॉल को देखने लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक देश विदेश से यहां पहुंचते हैं. चित्रकूट वाटरफॉल की खास बात यह है कि, यहां 12 महीने पर्यटकों की भीड़ लगी होती है, खासकर मानसून के मौसम में इस वाटरफॉल की खूबसूरती में चार चांद लग जाते है.
चित्रकोट वाटरफॉल से जुड़ी हैं भगवान राम से संबंधित यह मान्यतायें
बस्तर में मौजूद इस चित्रकोट वाटरफॉल को लेकर पुरानी मान्यतायें भी जुड़ी हैं. इन मान्यतों के मुताबिक यहां भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता माता अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान चित्रकोट वाटरफॉल में अपना समय बिताया था और इसके बाद दंडकारण्य के रास्ते होते हुए ही तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे. दरअसल बस्तर को आदिकाल से दंडकारण्य के नाम से जाता है.
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इस संबंध में इतिहासकार विजय भारत ने बताया कि, "भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान चित्रकोट में रुक कर भगवान शिव की लिंग स्थापित कर पूजा अर्चना भी की थी." इस शिव मंदिर के पुजारी का कहना है, "आज भी भगवान राम के पैर के चिन्ह यहां मौजूद हैं. "यही वजह है कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने चित्रकोट वाटरफॉल को राम वनगमन पथ से जोड़ा है और यहां टूरिज्म सर्किट भी बनाया जा रहा है."
ऐसे पंहुचा जा सकता है वाटरफॉल तक
चित्रकोट वाटरफॉल का धार्मिक महत्व के साथ-साथ टूरिज्म स्पॉट भी है, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां पर जिला प्रशासन ने सर्किट हाउस का निर्माण किया है. इसके अलावा यहां पर कई प्राइवेट गेस्ट हाउस, रिसोर्ट भी मौजूद हैं. चित्रकोट वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से पहले 300 किलोमीटर का सफर तय कर जगदलपुर शहर पहुंचा जाता है.
जगदलपुर शहर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकोट वाटरफॉल है. इसके आसपास कई धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं, जिसमें 11वीं शताब्दी का नारायणपाल मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है. चित्रकोट वाटरफॉल को देखने के बाद पर्यटक भगवान विष्णु के प्रसिद्ध नारायणपाल मंदिर को देखने जरुर जाते हैं.
इसके अलावा तीरथगढ़ वाटरफॉल भी बस्तर के प्रसिद्ध वॉटरफॉल में से एक है. जगदलपुर शहर से तीरथगढ़ वाटरफॉल की दूरी महज 40 किलोमीटर है. यहां पर भी पूरे साल पर्यटकों का जमावड़ा लगा होता है. तीरथगढ़ वाटरफॉल की ऊंचाई लगभग 120 फीट है, जो पर्यटकों को सम्मोहित और आकर्षित करती है. चित्रकोट वाटरफॉल देखने आने वाले पर्यटकों को तीरथगढ़ वॉटरफॉल की भी सैर जरुर करनी चाहिए.
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