Chhattisgarh Surajpur Health and Wellness Center Reality: ग्रामीण इलाके में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कई गांव में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (Health and Wellness Center) का निर्माण कराया है. जहां गांव के लोगों को डिलीवरी संबंधी या छोटी-मोटी बीमारियों का नजदीक में ही उपचार मिल सके. लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) में एक ऐसा अस्पताल है जहां महिला कर्मचारी की मनमानी की वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं (Health Facilities) से वंचित रहना पड़ रहा है. इस मसले को लेकर ग्रामीणों ने बीएमओ को शिकायत सौंपकर कर्मचारी को अस्पताल से हटाने और कार्रवाई की मांग की है.


आक्रोशित हैं गांव के लोग 
दरअसल, मामला भैयाथान ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत कुसमुसी का है. यहां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित है. गांव के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होने पर उपचार करने के लिए कर्मचारी भी पदस्थ किया गया है. लेकिन अस्पताल में पदस्थ सीएचओ (Community Health Officer) ऋतु चक्रधारी ने अस्पताल को अपना घर समझ लिया है. अस्पताल में आए लोगों ने दुर्व्यवहार करना उसकी फितरत बन गई है. सीएचओ के इस व्यवहार से पूरे गांव के लोग आक्रोशित हैं.


की जाती है पैसों की मांग 
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कुसमुसी में पदस्थ सीएचओ ऋतु चक्रधारी के खिलाफ कुसमुसी गांव के सरपंच, सचिव सहित 33 ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सीएचओ ऋतु चक्रधारी रात के वक्त हॉस्पिटल में निवास करती हैं. लेकिन रात में इमरजेंसी होने पर दरवाजा नहीं खोलती हैं. गर्भवती महिलाएं जब इलाज कराने आती हैं तो बॉटल लगाने के लिए 200 से 300 रुपए की मांग की जाती है. डिलीवरी के लिए जब किसी प्रसूता को अस्पताल में लाया जाता है तो खिड़की से ही बिना देखे रेफर कागज बना दिया जाता है.


अस्पताल से हटाने की मांग
सीएचओ पर आरोपों की फेहरिस्त यहीं समाप्त नहीं होती है. ग्रामीणों के मुताबिक डिलीवरी रूम का पंखा मैडम ने अपने रूम में लगा लिया है और अपनी स्कूटी हॉस्पिटल कैंपस में खड़ा करने के बजाए अस्पताल के अंदर रखती हैं. महिला कर्मचारी की इस कार्यप्रणाली को लेकर पूरे गांव में रोष है. इस समस्या को लेकर ग्राम वासियों ने भैयाथान बीएमओ डॉ उत्तम सिंह से मुलाकात की और कर्मचारी को कुसमुसी के अस्पताल से हटाने की मांग की है.


सपोर्ट करना चाहिए
इस मामले में सीएमएचओ डॉ आरएस सिंह का कहना है कि गांव वालों ने शिकायत की है, लेकिन बदमाशी भी की गई है. जिस समय कोविड का टीका लग रहा था उस समय चौराहा में सीएचओ के साथ कुछ बहस हुई थी. इसी बात को लेकर गांव वाले उसे परेशान कर रहे हैं. कोई भी लड़की दूसरी जगह से वहां जाकर रह रही है तो उसे सपोर्ट करना चाहिए. लेकिन वहां ना आरएचओ, ना गांव वाले सपोर्ट कर रहे है. ऐसे में कैसे काम करेगी. मुझे ऑर्डर मिल गया है उसे दूसरी जगह पदस्थ कर रहा हूं, फिर दोनों आरएचओ काम करते रहेंगे. गांव वालों को जो करना है करते रहेंगे.  


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