Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में अब यहां के आदिवासी युवा भी  केंद्र और राज्य स्तर पर होने वाले प्रतियोगी परीक्षा में अपनी मेहनत से  सेलेक्ट होकर अपने परिवार और बस्तर का नाम रोशन कर रहे है. प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर के आदिवासी युवा भी अपनी मेहनत और पढ़ाई के प्रति लगन से प्रतियोगी परीक्षाओ को पासकर देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं.


बस्तर ब्लॉक के घोटिया गांव की भी रहने वाली आदिवासी युवती नीतू सिंह ठाकुर ने अपनी मेहनत और लगन से साल 2021 में आयोजित  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में डीएसपी के लिए चयनित हुई है. जिसको लेकर परिवार और पूरे गांव वालों में  खुशी की लहर है. नीतू सिंह ठाकुर को इस परीक्षा में 336 वां रैंक हासिल हुआ है. बस्तर ब्लॉक के एक छोटे से गांव से  डीएसपी बनने वाली नीतू सिंह ठाकुर पहली आदिवासी युवती है. इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद नीतू सिंह ठाकुर को बधाई देने के लिए गांव वालों के साथ-साथ समाज के लोगों का भी बधाई देने का तांता लगा हुआ है.


दूसरे प्रयास में मिली सफलता
बस्तर ब्लॉक के छोटे से गांव घोटीया की रहने वाली नीतू ठाकुर ने बताया कि बचपन से ही उसे पुलिस में भर्ती होने की इच्छा थी. इसलिए स्कूली शिक्षा में भी अव्वल रहने के साथ कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा  के लिए 2017 से पढ़ाई शुरू की. हालांकि नीतू सीजी पीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में विफल रही. लेकिन दूसरे प्रयास में कड़ी मेहनत कर और कोरोनाकाल की वजह से घर में ही मेंस की तैयारी कर 2021 में हुए  सीजी पीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी के लिए चयनित हुई.


नीतू ने बताया कि उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. जिसके बाद बस्तर में कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर सीजी पीएससी परीक्षा में प्री के लिए कोचिंग ली. लेकिन मेंस के लिए घर पर ही तैयारी की  और आखिरकार 2021 की परीक्षा में सफल हुई. नीतू कहती है कि समर्पण निष्ठा और हौसले से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. यही वजह है कि उसने सीजी पीएससी परीक्षा को पास करने के लिए पूरे लगन से तैयारी किया और इससे उसे सफलता भी मिली.


इस उपलब्धि के लिए नीतू ने अपने माता पिता और शिक्षकों को श्रेय दिया  है. उन्होंने कहा कि बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. यहां के गांव के युवतियों की छोटी उम्र में ही शादी कर दी जाती है. गांव की युवती  ज्यादा पढ़ाई नहीं कर सकती इस सोच को बदलने के लिए नीतू ने कॉलेज में ग्रेजुएशन की. फिर सीजीपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. आखिरकार उसे सफलता भी मिली. नीतू ने कहा कि डीएसपी बनकर  वह बस्तर और अपने प्रदेशवासियों की सेवा करना चाहती है.


बचपन का सपना हुआ साकार
नीतू की सफलता के लिए उसके माता-पिता भी काफी खुश हैं. नीतू के पिता चंद्रभान ठाकुर का कहना है कि बचपन से ही नीतू को पुलिस बनने की इच्छा थी. आखिरकार उसने अपने इस सपने को साकार कर लिया. उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं वह भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं. नीतू की इस उपलब्धि से सिर्फ परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे घोटिया  गांव  का मान बढ़ा है. गांव वालों और शिक्षकों ने नीतू के इस सफलता के लिए काफी खुशी जाहिर की है. हर दिन उनके समाज और गांव वालों का बधाई देने का ताता लगा हुआ है.


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