Raipur: केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली (Delhi) के नेहरू संग्रहालय (Nehru Museum) का नाम बदलने का फैसला किया है. इस पर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आपत्ति जताई है. सीएम भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बीजेपी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा है कि, "जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते है."
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने का किया गया फैसला
दरअसल नई दिल्ली में स्थिति नेहरू संग्रहालय का नाम, अब बदलकर "प्रधानमंत्री संग्रहालय" रखने का प्लान है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस संग्रहालय में देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के यादों को सहेजा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर उद्घाटन इसका करेंगे, वहीं संग्रहालय का नाम बदले जाने का फैसला बीजेपी के संसदीय दल की बैठक में लिया गया है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा गांधी-नेहरू इस लोकतंत्र की आत्मा के हैं संरक्षक
इस निर्णय पर कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, "जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते हैं." उन्होंने आगे कहा कि, "लेकिन अज्ञानतावश उनकी आत्ममुग्धता और संकीर्ण सोच इन्हें यह एहसास नहीं होने देती कि, लकीर मिटाने से उनके योगदान के निशान नहीं मिटते. गांधी-नेहरू इस लोकतंत्र की आत्मा के संरक्षक हैं."
क्या है नेहरू मेमोरियल और पुस्तकालय?
गौरतलब है कि, नेहरू मेमोरियल और पुस्तकालय पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में स्थापित किया गया था. यह संग्रहालय नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दक्षिण में ऐतिहासिक तीन मूर्ति हाउस परिसर में स्थित है. इस भवन का डिजाइन रॉबर्ट टोर रसेल और एडविन लुटियंस ने तैयार किया और 1929-30 में भवन के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया. पहले तीन मूर्ति हाउस में भारत के कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था.
जबकि अगस्त 1948 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ के जाने के बाद, तीन मूर्ति हाउस स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आधिकारिक निवास बन गया. इसके बाद नेहरू 16 साल तक यहीं रहे. उनकी मृत्यु के बाद भारत सरकार ने फैसला किया कि, तीन मूर्ति हाउस को देश के पहले पीएम को समर्पित किया जायेगा. 14 नवंबर 1964 को जवाहरलाल नेहरू की 75वीं जयंती पर भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औपचारिक रूप से तीन मूर्ति हाउस को राष्ट्र को समर्पित करते हुए, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का उद्घाटन किया.
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