Chhattisgarh: उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी पर भड़के CM, बीजेपी ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा
Raipur News: ईडी ने सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने ईडी को सौम्या चौरसिया की चार दिनों की रिमांड सौंपी है. कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हो गई है.
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) की गिरफ्तार के बाद राज्य में सियासी उथल पुथल मच गया है. इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय जांच एजेंसी पर भड़क गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर इसे राजनीतिक कार्रवाई बताया है. इसके अलावा उन्होंने इस मामले में पूरी ताकत से लड़ने की चेतावनी दी है. वहीं पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए हैं.
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी से भड़के सीएम बघेल
दरअसल छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर से ईडी की कर्रवाई जारी है. कोयला ट्रांसपोर्टिंग परमिट में गड़बड़ी और अवैध लेवी के आरोप में 3 कारोबारी और एक सस्पेंड आईएएस समीर विश्नोई को ईडी ने गिरफ्तार किया है. अब शुक्रवार को ईडी ने अफसर सौम्या चौरसिया को भी गिरफ्तार कर रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने ईडी को सौम्या की चार दिन की रिमांड सौंपी है. इस मामले में अब 6 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी पर क्या बोले सीएम
सौम्या चौररिया की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, 'जैसा कि मैं कहता रहा हूं, ईडी द्वारा मेरी उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक राजनीतिक कार्रवाई है. हम इसके ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ेंगे.'
ईडी अधिकारियों और बीजेपी नेताओं पर बरसे पीसीसी चीफ
कांग्रेस पार्टी ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बताया है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम इस मामले में ट्वीट कर कहा कि यह लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई हमारी सरकार को अस्थिर करने की साजिश है. मोहन मरकाम ने चेतावनी के लहजे में कहा कि सौम्या चौरसिया के दो मासूम बच्चों और उनके परिवार के साथ जघन्य अपराध करने वाले ED के अधिकारियों, राज्य के आला बीदेपी नेताओं और दिल्ली में बैठे उनके राजनीतिक आकाओं को इसका दंड अवश्य भुगतना पड़ेगा.
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी पर कांग्रेस करेगी विरोध
मोहन मरकाम ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि राज्य के सम्मानित व्यापारियों और किसानों को बल के प्रयोग द्वारा और जेल में सड़ाने की धमकी देकर हमारी राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत झूठा प्रकरण बनाया गया है. राजनीतिक आधार पर की गई इस कार्रवाई का हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा.
बीजेपी ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा
इस मामले में अब सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाए हैं. तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस्तीफा मांग लिया है. बीजेपी के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि जनता के विकास के लिए आने वाले पैसे खाने वाली सरकार का भंडाफोड़ हो गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब मुख्यमंत्री के गरिमामय पद पर एक क्षण भी बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. भूपेश बघेल तत्काल इस्तीफा दें.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर लगाया था आरोप
गौरतलब है कि इससे पहले 27 नवंबर की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी पर गंभीर आरोप लगाया थे. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि ईडी लोगों को जबरन घर से उठा रही है. उनको मुर्गा बनाना, मार-पीट कर दवाब डालकर मन चाह बयान दिलवाने को बाध्य कर रही है. लोगों को धमकियां दी जा रही हैं कि उनको आजीवन जेल में सड़ना पड़ेगा. इसके अलावा बिना खाना-पानी के देर रात तक रोक कर रखा जा रहा है. उन्होने इसकी शिकायत भारत सरकार से करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था साथ ही उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में ये भी कहा था कि अगर ऐसी शिकायतें आगे भी मिलेंगी तो राज्य पुलिस भी कार्यवाही करेगी.
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