Chhattisgarh Politics:  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) राज्य में जारी 'भेंट मुलाकात' (Bhet Mulakat) कार्यक्रम के दौरान एक युवक की बात से नाराज हो गए. इसके बाद सीएम बघेल  ने युवक से पूछ लिया कि  क्या  तुम्हारे माता-पिता को कभी मुख्यमंत्री से बात करने का मौका मिला है. वहीं सीएम के व्यवहार पर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने उनकी आलोचना की है और उन पर तानाशाह के रूप में काम करने और लोगों को धमकाने का आरोप लगाया है. सीएम बघेल और उस युवा के बीच की बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है.


क्या था पूरा मामला
बेमेतरा जिले में बुधवार को 'भेंट मुकालात' कार्यक्रम हुआ था. कार्यक्रम के दौरान किशन अग्रवाल नामक युवक ने अपना परिचय देते हुए सीएम से कहा कि राज्य में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं किया जाना चाहिए. सामान्य वर्ग के लोगों को क्यों सजा दी जा रही है. आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में नहीं होना चाहिए क्योंकि पिछड़ा वर्ग के लोगों के अधिक बच्चे हैं. मैं पिछले तीन सालों से परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं.'


सीएम हुए नाराज, कहा- अपने शब्द वापस लो
बाद में अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ही संबोधित कर रहे हैं, वह भई तीन-चार मिलट के लिए बोलना चाहता है. युवक की इस टिप्पणी पर सीएम ने आपत्ति जताई और किशन अग्रवाल से कहा कि आप पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, जो हाथ उठाता है मैं उसे बोलने का अवसर देता हूं. आप गलत आरोप लगा रहे हैं. आपको अपने शब्द वापस लेने चाहिए. क्या आपके माता-पिता  या चाचा को कभी मुख्यमंत्री से बात करने का मौका मिला.'


सीएम की बात का युवक ने दिया जवाब
जब युवक ने पूछा कि किस तरह का मौका तो सीएम बघेल ने कहा कि क्या उन्हें कभी  (पिछले किसी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में) माइक्रोफोन दिया गया है बात करने के लिए, लेकिन जब आपको मौका मिला है तो आप आरोप लगा रहे हैं. इस पर युवक ने कहा, 'सर में आरोप लगा सकता हूं, हर कोई किसी पर भी आरोप लगा सकता है. आप रमन सिंह और पीएम मोदी पर आरोप लगाते हैं.' इसी बीच किसी ने युवक से माइक छीनने की कोशिश की. तब सीएम ने कहा कि उससे माइक मत छीनो, उसे बोलने दो.


बीजेपी ने सीएम पर लगाया तानाशाही करने का आरोप
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री बघेल पर निशाना साधा. साव ने कहा कि जनता के सवालों का जवाब देना सीएम की नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है, लेकिन बघेल तानाशाही कर रहे हैं.  साव ने कहा कि यह भेज मुलाकात नहीं बल्कि हेट मुलाकात है.


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