Diamond mines in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariyaband) जिले में भारी मात्रा में हीरे का भण्डार है. इसके उत्खन्न पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी लेकिन अब एक बार फिर हीरा खदान शुरू करने की ओर राज्य सरकार कदम बढ़ा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने 25 सितंबर रविवार को खनिज न्यास मद की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने गरियाबंद के हीरा खदान पर लगी रोक को हटाने के पक्ष जरूरी कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.


गरियाबंद के हीरा खदान शुरू करने की पहल


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रविवार को उनके निवास कार्यालय में खनिज न्यास मद की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से कहा कि गरियाबंद जिले के हीरा खदान में कोर्ट द्वारा लगाए स्टे आर्डर को वापल लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें. ताकि वहां के हीरा खदान विधिवत रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया की जा सके.


हीरा भण्डार में छत्तीसगढ़ का बड़ा योगदान 


खनिज विशेषज्ञ बताते हैं कि हीरा किम्बरलाईट की चट्टानों से प्राप्त होता है और राज्य में इसका विस्तार गरियाबंद और बस्तर जिले में है. राज्य के रायपुर और बस्तर संभाग में हीरा पाया जाता है. इसमें भी सर्वाधिक हीरा का भण्डार रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में है. 2009 के आंकड़े के अनुसार देश में हीरा भण्डार में छत्तीसगढ़ का योगदान 28.2 प्रतिशत था. यानी छत्तीसगढ़ में हीरे का बड़ा भण्डार है अगर इसका उत्खनन हुआ तो राज्य सरकार का खजाना भरा जा सकता है.


इन इलाकों में है हीरा भण्डार


सरकारी जानकारी के मुताबिक अब तक गरियाबंद के मैनपुर क्षेत्र में बेहराडीह, पायलीखण्ड, कोदोमाली, कोसबुड़ा, जांगड़ा और टेम्पल क्षेत्र में हीरा भण्डार की पहचान हो चुकी है. इसके अलावा बस्तर जिले के तोकापाल क्षेत्र में भी हीरा पाया जाता है लेकिन हाईकोर्ट ने गरियाबंद के हीरा खदान में रोक लगा दी है. अगर सरकार की पहल के बाद खदान पर स्टे हट जाता है तो छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (CMDC) के द्वारा उत्खन्न किया जा सकता है.


डीएमएफ के पैसे से नहीं होगा मेला आयोजन


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खनिज न्यास मद की राज्य स्तरीय निगरानी समिति बैठक में डीएमएफ मद के इस्तेमाल पर कहा है कि जिले में आयोजित होने वाले मेला आदि समारोह में डीएमएफ की राशि का उपयोग नहीं किया जाए. इस बैठक में डीएमएफ मद के आय-व्यय के सोशल ऑडिट के लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया. खनिज मद की राशि का आवंटन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावित जिलों में निर्धारित अनुपात के आधार पर किया जाए. इसमें नवगठित 5 जिलों के लिए भी राशि का आवंटन सुनिश्चित किया जाए, ताकि विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ समय पर पूर्ण हो सके.


स्वामी आत्मानंद के लिए डीएमएफ मद का करें उपयोग 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी उपकरणों की खरीदी के लिए विभागीय बजट का उपयोग किया जाए. इसके लिए डीएमएफ मद का उपयोग ना हो. उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए इस मद से उपकरणों की खरीदी की अनुमति रहेगी. इसी प्रकार खनिज न्यास मद से कार्यालयीन उपयोग के लिए वाहनों की खरीदी प्रतिबंधित रहेगी, लेकिन स्वास्थ्य जैसी अति आवश्यक सेवाओं के लिए एंबुलेंस और शव वाहन खरीदे जा सकेंगे.


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