Chhattisgarh News: भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के 17 लाख से ज्यादा किसानों को नये साल की शुरुआत से चार दिन पहले उसकी सौगात देकर सबको चौंका दिया है. कहने का मतलब यह है कि उन्होंने धान की फसल की खरीदी के लिए बजट जारी कर प्रदेश के किसानों को हैप्पी न्यू ईयर बोल दिया है. प्रदेश सरकार के इस ऐलान से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. ऐसा होना भी स्वभाविक है, क्योंकि छत्तीसगढ़ सराकर ने 1 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी के दो माह के अंदर किसानों को उनके फसल के बदले 14 हजार 852 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है. 


बता दें कि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से अब तक 71.41 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली है.शेष फसल की खरीददारी जारी है. ताजा अपडेट के मुताबिक अबतक साढ़े सत्रह लाख से अधिक किसानों ने धान की बिक्री की है. अभी भी करीब 8 लाख किसान ऐसे हैं जो धान बेचने वाले हैं, लेकिन किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. 31 जनवरी 2023 तक सरकार धान खरीदी का काम करेगी. 


खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर किसानों से अब तक 71.41 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. पिछले साल की तरह इस साल भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए लगातार धान का उठाव जारी है. अब तक 56.12 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है. इसमें मिलर्स ने 45 लाख 77 हजार मीट्रिक टन धान का उठा भी लिए हैं. 


धान बेचने ने लिए ऑनलाइन टोकन जारी 
खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 26 दिसंबर को 42 हजार 367 किसानों से 1.57 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. इसके अलावा ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से लगभग 35 हजार टन से अधिक धान की भी खरीदी हुई हैं. आने वाले दिन में धान खरीदी के लिए 51 हजार से अधिक टोकन किसानों को दिया गया है और ”टोकन तुंहर हाथ एप” के जरिये लगभग 11 हजार टोकन ऑनलाइन जारी किए गए हैं. ये सभी किसान अपने नंबर के अनुसार मंडी में धन बेचेंगे.


इस मूल्य पर हो रही है धान की खरीदी
साल 2022 में धान की खरीदी के लिए 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.26 लाख नये किसान शामिल हैं. राज्य में धान खरीदी के लिए 2600 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है. वहीं किसानों को इसके अलावा प्रति एकड़ 9 हजार रुपए अतिरिक्त मिलेगा. क्योंकि सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 4 किस्तों में किसानों को इनपुट सब्सिडी भी देती है.


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