Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने गांधी जयंती पर की 'महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना' की शुरुआत, पहले चरण में बनेंगे 300 पार्क
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत पहले चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं.
Durg News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी 'महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना' ( Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) का शुभारंभ किया. इसके अलावा सीएम ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का भूमिपूजन और शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके लिए यहां विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं.
सीएम ने कहा गांधी जी के मूलमंत्र को हम आगे बढ़ा रहे हैं
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गांवों के सपने को साकार करने में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इस योजना के माध्यम से गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में मजबूती से कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि गांधी जी का मूलमंत्र है श्रम का सम्मान, इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है. राज्य सरकार व्यक्ति को केन्द्र में रखकर योजनाएं बना कर संचालित कर रही है. जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए. वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सके.
पहले चरण में प्रदेश में बनेंगे 300 पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं. इसके लिए गौठानों में एक से तीन एकड़ भूमि में पार्क के लिए आरक्षित की गई है. पहले चरण में प्रत्येक विकास खण्ड में दो गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. राज्य सरकार के बजट में इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. स्वीकृत सभी रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों को एक-एक करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है. इस राशि से इन पार्कों में वर्किंग शेड और एप्रोच रोड के निर्माण के साथ बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ युवाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रहे रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुराजी गांव योजना के तहत विकसित किए गए गौठानों में वर्मीं कम्पोस्ट के निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि और उद्यानिकी फसलों और लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की इकाइयां स्थापित की जा रही है. साथ ही आटा-चक्की, दाल मिल, तेल मिल की स्थापना भी की जा रही है. इन गतिविधियों में ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ आय के अच्छे साधन मिल रहे हैं. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इस योजना के लिए नोडल विभाग बनाया गया है.
गांधी जी के आत्मनिर्भर गांव का सपना होगा पूरा
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से आत्मनिर्भर गांव का महात्मा गांधी का सपना पूरा होगा. गांधी जी ने ग्राम स्वराज की कल्पना की, उसे साकार करने के लिए हमारी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना से उसी दिशा में कार्य हो रहा है. गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दीया बन रहा है. अब पेंट भी बन रहा है. बाड़ी योजना से महिलाएं स्वावलम्बी हो रही हैं. कुपोषण से भी लड़ने में बाड़ी योजना सहायक हो रही है. गौठान का स्वरूप अब बदल रहा है. रोजगार के लिए ट्रेनिंग देने का कार्य यहां होगा. कुपोषण से लड़ाई और आय में वृद्धि दोनों कार्य महिलाएं कर रही हैं.