रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur)  में आईएएस कॉन्क्लेव-2022 (IAS Conclave-2022)  का आयोजन किया गया है. आयोजन के दूसरे दिन सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) भी कार्यक्रम में पहुंचे थे.इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने आईएएस अफसरों (IAS Officers) की मौजूदगी में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव के लिए बातचीत की. सरकारी योजनाओं को गांव में कैसे क्रियान्वयन किया जाए इस विषय पर भी चर्चा हुई.

 

रायपुर में 3 दिवसीय आईएएस कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है

बता दें कि नया रायपुर स्थित एक निजी होटल में 3 दिवसीय आईएएस कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है. इसके दूसरे दिन शुक्रवार को प्रदेशभर से आए आईएएस अफसर कॉन्कलेव में शामिल हुए. इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आप सभी अपनी-अपनी जगहों पर बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं. योजनाओं के क्रियान्वयन में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.



 

छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव अपने आप में गणराज्य है

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं सभी अच्छी होती हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन भी बेहतर ढंग से होना चाहिए. उन्होंने कहा की लोगों को विश्वास में लेकर कोई भी कार्य किया जा सकता है, विकास योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए लोगों का विश्वास जीतना बहुत जरूरी है. यदि आप नागरिकों को विश्वास में लेकर कार्य करेंगे तो अच्छे परिणाम सामने आएंगे. छत्तीगसढ़ के लोग बड़े सहज और सरल हैं. उन्हें थोड़ा सा मार्गदर्शन देने पर वे बहुत जल्दी सीख जाते हैं. छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव अपने आप में गणराज्य है. उन्हें विश्वास में लेकर काम कीजिए, लोग आपका साथ देंगे.

 



गांव उत्पादन का के केंद्र बने और शहर बिक्री का केंद्र

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि आप गांव में सारी सुविधाएं दीजिये ताकि वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और वहीं रोजगार का सृजन हो सके.इससे गांव में पलायन नहीं होगा. गांव उत्पादन का केंद्र बनें और शहर विक्रय का केंद्र बनें. मुख्यमंत्री ने राज्य में निर्मित उत्पादों की अच्छी मार्केटिंग पर जोर देते हुए छत्तीसगढ़ में प्रचलित एक कहावत का उदाहरण देते हुए कहा कि, 'बोलइया के जिल्लो बेचा जाथे, अउ नई बोलइया के चना घलो नई बेचाये' यानी जिन्हें व्यवसाय की कला आती है उनका छोटा सा सामान भी बिक जाता है और जो इस कला से अनभिज्ञ हैं वे अपना कीमती सामान भी नहीं बेच पाते हैं. इतना उत्पादन करें जिसे आसानी से बेचा जा सके.

 

2 हजार साल पहले छत्तीसगढ़ बड़ा व्यापारिक केंद्र था 

सीएम भूपेश बघेल ने इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि आरंग के रीवां और पाटन क्षेत्र के तरीघाट छत्तीसगढ़ का इतिहास लगभग 2 हजार साल पुराना है. पूर्व में छत्तीसगढ़ बड़ा व्यापारिक केंद्र था और यहां सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था प्रचलित थी. वर्तमान में इसी इतिहास को आगे लेकर चलने की आवश्यकता और पुरखों की पद्धति को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

 

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