Congress In Chhattisgarh: प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को बस्तर प्रवास पर पहुंच रहे हैं जहां वे कांग्रेस के संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होंगे. लगभग 4 घंटे तक चलने वाले इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव विजय जांगिड़, छत्तीसगढ़ के सह प्रभारी सप्तगिरि उलका समेत प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता इस कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. तय कार्यक्रम के अनुसार यह सम्मेलन दोपहर 12 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगी जिसमें बस्तर संभाग के सभी 12 विधानसभा के कांग्रेसी विधायकों के साथ ही बस्तर के सांसद दीपक बैज. पूर्व सांसद और पूर्व विधायक के साथ ही 2 हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे.
सीएम 3 घंटे तक सम्मेलन में होंगे शामिल
बताया जा रहा है कि आगामी चुनाव को देखते हुए जगदलपुर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पदाधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया गया है . मिशन बस्तर के तहत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कार्यकर्ता सम्मेलन में लगभग 3 घंटे तक मौजूद रहेंगे और कार्यकर्ताओं में चुनावी बिगुल फूंकने के साथ उन्हें जीत का मूल मंत्र देंगे . बताया जा रहा है कि इस कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद कांग्रेस बस्तर में डोर टू डोर अभियान की शुरुआत करेगी. और इस कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए पदाधिकारियों और बस्तर के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि बस्तर संभाग के पूरे 12 विधानसभा सीटों में एक-एक व्यक्ति तक कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता पहुंच सके. साथ ही कांग्रेस सरकार की योजनाओं को भी यहाँ पहुंचा सके .इसके अलावा इस सम्मेलन के माध्यम से पूरे बस्तर सँभाग में कांग्रेस संगठन को मजबूत किया जा सके.
मिशन बस्तर के लिए दोनो पार्टी के नेता कर रहे जोर आजमाइश
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेता इन बस्तर के इन 12 विधानसभा सीटों में चुनाव जीतने के लिए अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. 2 दिन पहले ही भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर ने बस्तर संभाग के सातों जिलों का दौरा कर विधानसभा स्तरीय बैठक लिया .उसके बाद कांग्रेस भी संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर रही है. और इस सम्मेलन में भी सीएम भूपेश बघेल के साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा भी बस्तर पहुंच रही है. ऐसे में बस्तर के आदिवासी सीटों में अभी से अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए दोनों ही पार्टी के बड़े नेता हाथ पैर मारना शुरू कर दिए है.