Chhattisgarh Akshaya Tritiya Mati Poojan Divas: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन माटी पूजा दिवस (Mati Poojan Divas) मनाया गया है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने खेत में ट्रैक्टर चलाकर की है. प्राचीन मान्यताओं के साथ मुख्यमंत्री ने पारंपरिक धोती और कुर्ता पहनकर धरती माता की पूजा-अर्चना की. ये पूजा छत्तीसगढ़ के किसानों (Farmers) के लिए काफी अहम मानी जाती है क्योंकि आज से खरीफ फसल को तैयारी में छत्तीसगढ़ के किसान जुट जाते है.


क्या है माटी पूजा की परंपरा
दरअसल, अक्षय तृतीया के दिन रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के परिसर स्थित खेत में प्रदेश भर के किसान जुटे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ठाकुर देवता की पूजा-अर्चना कर खेती-किसानी के नए कामों की शुरुआत की. प्राचीन परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया. यहां परम्परागत तौर पर उन्होंने अन्न के दोने को बैगा को सौंपा. इस अन्न को ठाकुर देव के सामने रखकर अन्न पूजा को पूरा किया. इसके बाद इस अन्न के दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया जाएगा.




किसानों को दिलाई शपथ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन दिवस के अवसर पर हजारों किसानों को शपथ दिलाई कि हमारी माटी, जिसे हम माता भुइयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे. हम अपने खेत, घरों और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे. हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत खराब हो. हम भूमि में रासायनिक और नुकसानदेह केमिकल का प्रयोग नहीं करेंगे.




रासायनिक खेती की जगह हो जैविक खेती 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान कहा कि अक्षय तृतीया से नई फसल के लिए तैयारी शुरू होती है. राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. माटी पूजन महा अभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पुनर्स्थापना है. हमारी कृषि परम्परा में आज का दिन विशेष महत्व रखता है. आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है, मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं कि हमने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है.


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