Raipur: छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. खरीफ फसलों की बुआई अब तक शुरू नहीं हो पाई है. किसान आसमान पर नजरें टिकाए बैठे हैं कि कब बारिश हो और कब बुआई शुरू की जाए. मानसून की बेरुखी से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) भी चिंतित हैं. इसलिए उन्होंने गांवों में मनरेगा के काम को जारी रखने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को दिए ये निर्देश
दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस साल मानसून के भटकाव को देखते जरूरतमंद ग्रामीणों के लिए रोजगारमूलक कार्य लगातार जारी रखने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को मनरेगा के तहत रोजगारमूलक कार्य चालू रखने के साथ ही आवश्यकतानुसार नये कार्य भी स्वीकृत करने को कहा है, ताकि गांवों में जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध हो सके.
छत्तीसगढ़ में 50 फीसदी कम बारिश
2021 और इस साल के जून महीने के आंकड़ों की बात करें तो राज्य में 50 फीसदी कम बारिश हुई है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में इस साल 27 जून तक 113.5 मिमी औसत बारिश हुई है, लेकिन 2021 में 27 जून तक 229.7 मिमी औसत बारिश हो गई थी, जो लगभग 50 फीसद कम है. राज्य के 7 जिलों में इस साल अब तक 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है. बलरामपुर जिले में 60 और दुर्ग में 48, जशपुर में 72, कोण्डागांव और कांकेर में 47, रायपुर जिले में 56 और सरगुजा जिले में औसत रूप से 63 प्रतिशत कम बारिश के चलते खेती-किसानी का काम प्रभावित हुआ है.
मानसून की बेरुखी से खेती किसानी का काम पिछड़ा
खरीफ फसलों की बुआई भी बीते वर्ष की तुलना में कम हुई है. बीते वर्ष 27 जून की स्थिति में राज्य में 4 लाख 76 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी हो चुकी थी, जबकि इस साल कम बारिश की वजह से अभी तक 2 लाख 27 हजार हेक्टेयर में ही खरीफ फसलों की बुआई हुई है. मानसून की बेरूखी के चलते खेती-किसानी का काम पिछड़ गया है.
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