CM Bhupesh Baghel News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. सीएम ज्यादातर लोगों के बीच जाकर उनसे मिलकर और उनकी समस्याओं को जानकर उसका समाधान करते देखे गए हैं. लेकिन इस बार का मामला इससे कहीं अलग है. दरअसल सीएम भूपेश बघेल सामाजिक कार्यक्रमों के हिस्सा के तहत कोरिया जिले के रामगढ़ क्षेत्र (Ramgarh region) के एक गांव में आदिवासी छात्रावास की छात्राओं से जुड़े एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां छात्राओं से बातचीत के दौरान उन्होंने छात्राओं का हौसला बढ़ाया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी.
इस दौरान छात्राओं ने सीएम भूपेश बघेल से भी अपने बचपन की कुछ बातें साझा करने की गुजारिश की. छात्राओं के इस निवेदन को सीएम भूपेश बघेल ठुकरा नहीं पाए और उन्होंने छात्राओं से अपनी बचपन की यादें साझा कीं. इस दौरान बचपन के काफी दिलचस्प किस्से साझा किए. उन्होंने बताया कि बचपन में उन्हें एक बात के लिए माता-पिता दोनों की डांट पड़ती थी.
सीएम भूपेश बघेल ने बताई डांट सुनने की वजह
सीएम भूपेश बघेल ने स्कूली छात्राओं के सामने स्वीकार किया कि देर से घर लौटने की आदत के कारण जब वे छोटे थे तो उनके माता-पिता उन्हें डांटते थे. कोरिया जिले के रामगढ़ क्षेत्र के एक गांव में आदिवासी छात्रावास में छात्राओं से बात करते हुए सीएम बघेल पर अपनी बातें साझा की.
अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुरानी यादों में चले गए. उन्होंने कहा, "मैं अपने गांव में गिल्ली-डंडा सहित सभी क्षेत्रीय खेल खेलता था.'' मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा “जब मैं देर शाम लौटता तो मुझे अपने माता-पिता के गुस्से का भी सामना करना पड़ता था.
सीएम के लिए छात्रा ने गाये गीत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा “कभी-कभी मैं गांव के चरवाहे के साथ लंबी सैर पर जाता था. वह मुझे चरागाह भूमि, मेरे गांव से बहुत दूर ले जाता था. उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे फिर माता-पिता उसके बाद मुझे डांटते थे."
बातचीत के दौरान छात्रा शालिनी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उड़ते हेलिकॉप्टर से उनका गांव कैसा दिखता है? सीएम ने बताया कि
"यह बहुत सुंदर है,"
वहीं पांचवीं कक्षा की छात्रा अनुराधा ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा में एक गीत गाया. बता दें कि अनुराधा ने जाने से पहले छात्रावास परिसर में एक चंदन का पौधा लगाया था.
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