CM bhupesh Baghel News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नगरनार में बन रहे एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस प्लांट को चलाना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार इस प्लांट को दूसरे कंपनियों को बेचने में तुली हुई है, 27 जनवरी तक इसके नीलामी के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है, लेकिन राज्य सरकार को इस नीलामी की टेंडर प्रक्रिया से ही बाहर कर दिया गया है, इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी बस्तर विकास विरोधी है.


इस प्लांट के लिए यहां के आदिवासी किसानों ने इसी शर्त पर अपनी अपनी  जमीन दी थी कि इस प्लांट का संचालन एनएमडीसी करें, लेकिन अब जब प्लांट बनकर तैयार होने वाला है तो इसे निजी हाथों में बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.


सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार इस स्टील प्लांट को संचालित करने के लिए सक्षम है. उन्होंने इस प्लांट को राज्य सरकार को सौपने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी आग्रह किया कि इस प्लांट को बेचिए मत, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई विचार नही किया और निजी हाथों में सौंपने के लिए इसके नीलामी के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी, और राज्य सरकार को इससे बाहर कर दिया.


सीएम ने कहा- राज्य सरकार चलाना चाहती है प्लांट


दरअसल अपने दो दिवसीय प्रवास पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर पहुंचे हुए है. अपने प्रवास के पहले दिन मुख्यमंत्री ने सभागस्तरीय छात्रावास सम्मेलन में शामिल होकर छात्रों के हित में कई घोषणाएं की, जिसके बाद एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के सवाल पर सीएम ने कहा कि विधानसभा में बकायदा प्रस्ताव लाया गया कि अगर केंद्र सरकार इसे नहीं चला रही है तो राज्य सरकार इस प्लांट को चलाने के लिए सक्षम है, लेकिन अभी इस प्लांट के निजीकरण के लिए टेंडर निकाली गई है, और उसमें राज्य सरकार को ही बाहर कर दिया गया और कई शर्ते रखी गयी है.


यह दुर्भाग्य की बात है कि नगरनार स्टील प्लांट शुरू होने से पहले ही बिकने जा रहा है, केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी यहां के विकास के साथ और यहां के लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में बकायदा दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान बस्तर जिले के डिलमिली में मेघा पावर प्लांट स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया था, लेकिन इसका अब तक कोई पता नहीं है, और जो बना है उसे बेचने की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से आग्रह करने के बावजूद इसे निजी हाथों में सौंपने का फैसला केंद्र सरकार ले रही है और नीलामी के लिए टेंडर प्रक्रिया से राज्य सरकार को दूर कर दिया गया है.


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