Chhattisgarh News: केंद्र की नीतियों पर भड़के सीएम भूपेश बघेल, कहा- इस वजह से बढ़ी है महंगाई और बेरोजगारी
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है. उन्होंने देश में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर निशाना साधा है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सीएम ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से इस 5 साल में ऐसी कोई अच्छी योजना इस देश में नहीं लाई गई. उन्होंने देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने पर जीएसटी और नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को रायपुर हेलीपेड (Raipur Helipad)में मीडिया से बातचीत करते हुए देश में लगातार रुपए कमजोर होने पर कहा कि जीएसटी की वजह से महंगाई बढ़ी और नोटबंदी की वजह से बेरोजगारी बढ़ गई. इससे किसान और नौजवान परेशान हैं. किसानों को दाम सही से नहीं मिल पा रहा और नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है.
अभी रूस- यूक्रेन युद्ध से बनी परिस्थितियों मैं केंद्र सरकार ने चावल के खंडा के निर्यात को बैन कर दिया. इस बैन का नुकसान हमारे छत्तीसगढ़ के किसानों को हो रहा है. अभी बरसात में यहां की मंडियों में धान 1900 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिका. उस भाव में अब 300 रुपए की गिरावट आ गई है.
दुनियाभर में ऊर्जा संकट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुनियाभर में ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए कहा कि पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस हो गया बिजली. ऊर्जा एक बड़े संकट के रूप में दुनिया के सामने आया है. रूस और युक्रेन के युद्ध से यूरोप में जो गैस पाइप जा रहा था वह बंद हो गया है. इसकी वजह से पूरा यूरोप फिर से थर्मल पॉवर की ओर जा रहा है. बिजली की दर बढ़ी हुई है. वहां के लोग सड़कों पर उतर रहे है. स्थिति बहुत भयवाह है. ऐसे में कोयले का दाम बढ़ गए है. विदेश से जो कोयला आ रहा वह 18 से 20 हजार रुपए प्रति टन की दर से आ रहा है.
इस संकट में गांधी का रास्ता ही सही
दुनिया में ऊर्जा संकट से मची खलबली के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक समाधान बताया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इसका एकमात्र जवाब है वह महात्मा गांधी का रास्ता है और महात्मा गांधी के रास्ते पर हम लोग चल रहे हैं और छत्तीसगढ़ में हम लोग खाद बना रहे हैं. सुराजी गांव योजना के तहत गोबर से बिजली बन रही है. गोबर से जैविक खाद भी बना रहे हैं.
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