CM Bhupesh Baghel Writes PM Modi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है. नए पेंशन योजना के तहत एनएसडीएल (NSDL) को दिए 17 हजार 240 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को वापस करने की मांग की है और इसके लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण को निर्देशित करने का किया अनुरोध है.
दरअसल इस बार राज्य के शासकीय कर्मचारियों के लिए खत लिखा है. क्योंकि राज्य सरकार ने नई पेंशन स्कीम को बंद कर पुराने पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है. लेकिन एनएसडीएल में जमा राशि वापस करने की मांग राज्य सरकार ने की है ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से 20 मई को लिखे गए पत्र के जवाब में एनएसडीएल ने पैसे वापस करने का कोई प्रावधान नहीं होने की बात कही गई है. इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.
1 अप्रैल से एनएसडीएल को पैसा जमा करना बंद किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि शासकीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की गई थी. जिसे 1 मई के कैबिनेट बैठक में निर्णय का अनुमोदन किया जा चुका है और इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र 11 मई को जारी की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य शासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की पुरानी मांग पर उनके और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली का निर्णय लिया गया है.
इसके बाद 1 अप्रैल से शासकीय कर्मचारियों के वेतन से मासिक पेंशन अंशदान को समाप्त करते हुए एनएसडीएल को जमा किये जाने वाले कर्मचारी और राज्य शासन के अंशदान को बंद कर दिया गया है. इसके स्थान पर पुरानी पेंशन योजना के तहत प्रत्येक कर्मचारी का नवीन सामान्य भविष्य निधि खाता खोलकर प्रतिमाह उनके मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंशदान इस खाते में जमा किया जा रहा है, जो कि कर्मचारी की रिटायरमेंट पर सामान्य भविष्य निधि नियमों के अनुरूप ब्याज के साथ अंतिम भुगतान किया जायेगा.
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एनएसडीएल में जमा राशि वापस करने की मांग
अब राज्य शासन निर्णय लिया है कि 31 मार्च 2022 तक एनएसडीएल के पास कर्मचारियों और राज्य शासन के अंशदान की जमा कुल राशि को राज्य सरकार को वापस किया जाए. इसमें से कर्मचारियों के अंशदान की कुल जमा राशि उनके सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा और राज्य शासन के अंशदान की कुल जमा राशि को लोक लेखे के अंतर्गत एक पृथक पेंशन निधि में जमा रखा जाए. इस निधि से आगे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सके. साथ ही इस निधि के और संवर्धन के लिए जमा राशि को भारत सरकार, राज्य सरकारों की अमानत में सुरक्षित रूप से निवेशित किया जायेगा और प्रतिवर्ष पिछले वर्ष के पेंशन भुगतान की 4 प्रतिशत के बराबर राशि निवेशित की जायेगी.
एनएसडीएल ने कहा पैसे वापस करने का कोई प्रावधान नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में एनएसडीएल को अबतक जमा किए राशि की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि 1 नवम्बर 2004 से 31 मार्च 2022 तक कुल 11,850 करोड़ (कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान) जमा किया गया है. एनएसडीएल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस जमा राशि का बाजार मूल्य लगभग 17,240 करोड़ रुपये है.
राज्य सरकार ने 20 मई को लिखे पत्र में सभी तथ्यों से पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को बताते हुए जमा राशि को राज्य शासन को वापस करने का अनुरोध किया गया था. इसके जवाब में प्राधिकरण 26 मई को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013, सहपठित पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत निकासी एवं प्रत्याहरण) विनियमन, 2015 और अन्य सुसंगत नियमों में इस आशय का कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें राज्य सरकार को कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जा सके.
निर्णय के क्रियान्वयन से रोका जाना उचित नहीं होगा
आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है कि राज्य सरकार ने एनपीएस ट्रस्ट और एनएसडीएल के साथ किये गये अनुबंधों में ऐसा कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है, जो राज्य शासन को नवीन अंशदायी पेंशन योजना के संबंध में किये गए अनुबंध से बाहर जाने और पुरानी पेंशन योजना की बहाली से बाधित करता हो. संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का निर्णय है.
राज्य सरकार ने राज्य के विधान मण्डल में प्रस्तुत बजट में की गई घोषणा व उसके अनुक्रम में मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के शासकीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लिये गए निर्णय के क्रियान्वयन से रोका जाना उचित नहीं होगा. इसलिए अनुरोध है कि राज्य सरकार के कर्मचारी हित के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान की एनएसडीएल के पास जमा राशि को राज्य सरकार को वापस करने का निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें.