छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने वाली है. धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. सीएम ने चिट्ठी के जरिए बारदानों की कमी को लेकर पीएम को अवगत कराया है. बघेल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि राज्य में इस वर्ष 105 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है. रोजाना 10 हजार जूट बारदाने की आवश्यकता होती है, लेकिन अब तक केवल 86 हजार 856 गठान नए जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं. एसे में बारदाने की कमी हुई तो धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.


सीएम बघेल की चिट्ठी
सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा, "छत्तीसगढ़ में किसानों से धान खरीदी का कार्य 1 दिसंबर से शुरू होना संभावित है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है. किसानों से 105 लाख टन धान उपार्जन होना अनुमानित है, जिसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी." बघेल ने आगे लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी समिति विपणन संघ मुख्यालय नवा रायपुर द्वारा 2.14 लाख गठान जूट बारदाने खरीदने के लिये इंडेन्ट जारी किये गये हैं, जिसके खिलाफ राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं.






पत्र में आगे लिखा, "जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को प्राप्त होने वाले नए जूट बारदानों की 100 फीसदी आपूर्ति के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं." सीएम ने आगे कहा कि विगत वर्ष में प्रतिदिन औसतन 10 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता हो रही थी. ऐसी स्थिति में यदि जूट कमिश्नर कोलकाता द्वारा आपूर्ति कार्ययोजना के अनुरूप शत-प्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नियत समय पर नहीं की जाती है, तो धान खरीदी अवधि के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.



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