Chhattisgarh News: पोरा त्यौहार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुपोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. एक से 30 सितंबर तक महिला बाल विकास विभाग प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने के लिए पोषण माह का आयोजन कर रहा है.


सुपोषण रथ जन-जन तक फिल्मों के जरिये कुपोषण से बचाव का संदेश देगा. बता दें कि कई जिलों में कुपोषित बच्चों और महिलाओं की बड़ी तादाद है. सुपोषण रथ का उद्देश्य कुपोषण की समस्या के प्रति जागरूकता फैलाना है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुपोषण माह की शुरुआत हो गयी है. सुपोषण रथ के जरिये विभिन्न जिलों में पोषण और स्वास्थ्य संबंधी ऑडियो, वीडियो संदेशों का प्रचार प्रसार किया जायेगा. उन्होंने सुपोषण की यात्रा में समुदाय के विभिन्न लोगों से सहभागी बनने की अपील की.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण माह के दौरान इस साल एनीमिया वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय के लिए तकनीक का प्रयोग और समुचित पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. मकसद कुपोषण जैसी गंभीर चुनौती से निपटना और बच्चों के अलाव गर्भवती महिलाओं को सुपोषित करना है.


सुपोषण रथ को मुख्यमंत्री साय ने किया रवाना


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ और सुपोषित छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए सरकार पूरी तरह से गंभीर है. उन्होंने बताया कि 52 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं, शिशुवती महिलाओं और 0 से लेकर 6 साल के बच्चे, किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य पोषण संबंधी सेवाओं का प्रदाय किया जा रहा है. सुपोषण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए समुदाय, परिवार और व्यक्तिगत स्तर से सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन भी जरूरी है. सभी जिलों में बाल विकास विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सुपोषण रथ से गांव-गांव जाकर प्रचार प्रसार करेंगे. ग्रामीणों को कुपोषण से बचने के उपाय बताए जाएंगे. आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों के परिवार, गर्भवती महिलाओं को सुपोषण आहार और कुपोषण से बचाव का संदेश भी दिया जाएगा.


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