Chhattisgarh: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है और वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इन श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार भंडारा शुरु करने जा रही है. यह भंडारा 60 दिन तक चलेगा. इसके लिए राजधानी रायपुर (Raipur) से भंडारा संचालन के लिए बनाई गईं छह समितियां और अन्य लोग अयोध्या के लिए रवाना हुए.


छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. यहां के लोग रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से खुश और उत्साहित हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार (25 जनवरी) को राजधानी रायपुर स्थित श्री राम मंदिर परिसर से श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भंडारे के संचालन के लिए कार्यकर्ताओं की टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से राम भक्त, कार्यकर्ताओं और रसोईयों की टीम को राम दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को भंडारा भोज कराने के लिए रवाना कर रहे हैं.


60 दिनों तक अयोध्या धाम में चलेगा भंडारा


सीएम ने कहा भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं और वह अयोध्या में कई सालों तक टेंट में रहने के बाद विधि-विधान से भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती है. हम ननिहाल वाले अगल-अलग तरह से श्रीराम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं. हमने यहां से सुगंधित चावल और सब्जियां भेजी, जिसका भोग प्राण-प्रतिष्ठा के दिन श्रीराम को लगाया गया. सत्य सांई अस्पताल से डॉक्टरों की टीम भी स्वास्थ्य सेवा करने अयोध्या गई है. छह समिति के लोग अब 60 दिनों तक अयोध्या में भंडारा चलाकर रामभक्तों को भोजन कराएंगे.


चार ट्रेनों ने रामलला के दर्शन करने जाएंगे भक्त


मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ के लोग ट्रेन के माध्यम से अयोध्या जाएंगे. इसमें पहली ट्रेन दुर्ग से जाने वाली है. इसके बाद रायपुर, बिलासपुर फिर अंबिकापुर से श्रद्धालु श्री रामलला के दर्शन के लिए चार ट्रेनों से रवाना होंगे. पीएम मोदी की गारंटी में हमारी सरकार भगवान श्री राम के ननिहाल वालों को उनके तीर्थ दर्शन के लिए ले जाएगी. भंडारा आयोजक सह समिति के समन्वयक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ पहुंच रही है. भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं और उनके दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु भूखे न रहे, इसकी चिंता छत्तीसगढ़ ने की है.



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