(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाले में ED का एक्शन जारी, अब तक 221 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच
Chhattisgarh Coal Scam: छत्तीसगढ़ में ईडी ने कोयला घोटाले का पर्दा पाश कर दिया है. इस मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 50 करोड़ 41 लाख रुपये की नगदी को अटैच कर लिया है.
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक्शन जारी है. ईडी ने कोयला घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार को ईडी ने 50 करोड़ 41 लाख रुपये नगदी अटैच किया है. इसके साथ ही लक्जरी कार, आभूषण और 90 अचल संपत्ति को कुर्क किया है. इसके बाद कोयला घोटाले में ईडी की कुल कुर्क की राशि बढ़कर 221 करोड़ रुपये हो गई है. ईडी की ओर से कुर्क की कार्रवाई अभी और हो सकती है क्योंकि ईडी ने 540 करोड़ रुपये के घोटाले के होने का दावा किया है.
दरअसल ईडी ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी की और उसमें बताया कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले में जबरन वसूली मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. इसमें आइएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, एमएलए देवेंद्र यादव, एमएलए चंद्रदेव प्रसाद राय, कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह, कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, कांग्रेस के नेता विनोद तिवारी की 90 अचल संपत्तियों, लक्जरी कार, आभूषणों और 51.40 करोड़ रुपये की नकदी को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है.
पहले भी 170 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क हुई थी
दरअसल मंलवार को ईडी के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि ईडी को जांच के दौरान सूर्यकांत तिवारी के साथ शामिल व्यक्तियों के वित्तीय संबंधों का सबूत मिला है और PMLA 2002 के तहत कुर्की की कार्यवाही की है. इससे पहले ईडी ने सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, सुनील अग्रवाल और अन्य की 170 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. इस मामले में कुल अटैचमेंट करीब 221.5 करोड़ रुपये हो गया है.
ईडी ने बताया है कि आयकर विभाग की शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है. इसमें अबतक 145 से अधिक परिसरों में तलाशी ली गई है और अब तक 9 अभियुक्तों को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया है. ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं. सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई आईएएस और अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में दिनांक 9 दिसंबर 2022 और 30 जनवरी 2023 को अभियोजन परिवाद दायर किया गया है. ईडी की जांच से पता चला है कि इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपये के अपराध की आय अर्जित की गई थी. इस पर आगे की कार्रवाई जारी है.
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