Bastar News: कॉफी की खुशबू से महकेगी बस्तर की धरती, इन इलाकों में भी की जाएगी खेती, किसानों को ऐसे होगा लाभ
बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में कॉफी की खेती की जाएगी,जिला प्रशासन ने5100 एकड़ में कॉफी की खेती का लक्ष्य रखाहै जिससेक्षेत्र केकिसानों कोअच्छा लाभहोगा,अरेबिका रॉबस्टा किस्म कीकॉफी कीखेती की जारहीहै
Bastar coffee news -छत्तीसगढ़ में नक्सलगढ़ कहे जाने वाले बस्तर की धरती अब बारूद के गंध से नहीं बल्कि कॉफी की खुशबू से महकेगी. दरअसल जिला प्रशासन ने बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों का चयन करते हुए लगभग 5100 एकड़ जमीन में कॉफी का प्लांटेशन करने का निर्णय लिया है और इसको लेकर किसानों ने भी रुचि दिखाई है. प्रायोगिक तौर पर दरभा में कॉफी की प्लांटेशन किए जाने के बाद अच्छी प्रोडक्शन के साथ किसानों को अच्छा लाभ होने से अब नक्सल प्रभावित इलाकों के किसानों ने भी अपने अपने खेतों में कॉफी प्लांटेशन के लिए हामी भरी है.
यही वजह है कि उद्यानिकी विभाग करीब 5 लाख कॉफी के पौधे तैयार कर रहा है और जल्द ही इन्हें बस्तर जिले के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों के सैकड़ो किसानों के खेतो में प्लांट किया जाएगा. वहीं आगामी महीनों में जिले के अन्य ब्लॉको में भी कॉफी का प्लांटेशन करने का प्लान किया गया है. वहीं कॉफी व टी बोर्ड के सदस्यों ने बताया कि सुकमा जिले में भी कॉफी की अच्छी पैदावार की संभावना है और इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है. साथ ही कांकेर. कोंडागांव और नारायणपुर जिले में भी कॉफी के प्लांटेशन की अच्छी संभावना है....
5100 एकड़ में कॉफी की खेती करने का रखा गया है लक्ष्य
जगदलपुर हॉर्टिकल्चर कॉलेज के प्रोफ़ेसर डॉ.के.पी एस.पैकरा ने बताया कि कॉफी के प्लांटेशन के लिए बस्तर का वातावरण काफी अनुकूल है. प्रायोगिक तौर पर कॉफी की दो किस्म अरेबिका और रॉबस्टा की खेती दरभा इलाके में की गई और यह खेती सफल रही. अच्छा प्रोडक्शन होने के साथ ही किसानों को अच्छा लाभ भी हुआ. जिसके बाद उद्यानिकी विभाग की मदद से लगातार बस्तर जिले के ऐसे इलाकों में जहां किसानों की बंजर भूमि है वहां के किसानों को कॉफी के खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया. जिसके बाद अब किसानों ने भी कॉफी की खेती के लिए रुचि दिखाई है. और जिले में करीब 5100 एकड़ में कॉफी की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं उद्यानिकी विभाग नर्सरी में 5 लाख काफी के पौधे तैयार कर रहा है.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर में अरेबिका और रॉबस्टा के पांच किस्म की कॉफी तैयार की जा रही है. इसमें सैन रमन. चंद्रगिरी. सक्लेशन -8 और सक्लेशन-9 के साथ ही सी×आर शामिल है. जिन्हें जिले के दरभा ब्लॉक के 13 गांव में,तोकापाल ब्लाक के 9 गांवों में, लौहण्डीगुड़ा के 11 गांव में, बस्तानार ब्लाक के 14 गांव में और बकावंड ब्लॉक के 7 गांवों में कॉफी की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे सैकड़ों किसानों को फायदा होगा. इनमें से कई ऐसे इलाके हैं जहां नक्सलियों का दहशत था और नक्सली कई वारदात को अंजाम दे चुके थे. लेकिन अब इस इलाके में नक्सलियों के बैकफुट पर आने से किसानों को कॉफी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया है. और किसानों ने भी कॉफी की खेती में रुचि दिखाई है.....
बस्तर कैफे के माध्यम से की जा रही मार्केटिंग
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम का कहना है कि जगदलपुर शहर में बस्तर के कॉफी के मार्केटिंग के लिए बस्तर कैफे की भी शुरुआत गई है. जहां स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों का भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. साथ ही राजधानी रायपुर में भी बस्तर की कॉफी धूम मचा रही है. कॉफी व टी बोर्ड के सदस्यों ने बकायदा बस्तर में कॉफी के प्लांटेशन किये गए स्थलों का दौरा करने के साथ ही कई तकनीकों की जानकारी भी दी है ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले साल में केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी बस्तर की कॉफी धूम मचाएगी और क्षेत्र के किसानों को भी इससे अच्छा लाभ होगा..