Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन का युद्ध महीने बीत जाने के बाद भी जारी है. वहीं यूक्रेन में फंसे भारत के मेडिकल छात्रों की वतन वापसी हो गई है. छात्रों के सामने अधूरी पढ़ाई को पूरी करने की चिंता सता रही है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के छात्रों ने भारत सरकार से देश के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देने की मांग की है. दरअसल, देशभर में हजारों छात्र यूक्रेन में अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर वापस लौटे हैं. वहीं इसमें छत्तीसगढ़ के 207 छात्र हैं. जिनकी वापसी हुए एक महीने तो बीत गए लेकिन पढ़ाई पूरी करने के लिए छात्र परेशान हो रहे हैं.


छात्रों की परेशानी देखते हुए छात्रों के पालकों ने राज्य के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए मांग की है. पालक संघ के सदस्य अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि छात्रों को भारत के ही मेडिकल कालेजों में प्रवेश दिया जाए क्योंकि पढ़ाई का अधिकार भारतीयों के मूलभूत अधिकार में से एक अधिकार है. 


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23 अप्रैल तक सभी नेताओं से मुलाकात की योजना


अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि हम सभी पालकों ने निर्णय लिया है कि राज्य स्तर के नेता और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे. केंद्र सरकार के सामने हमारी मांग रखने के लिए पत्र लिखने का आग्रह करेंगे. इसके अलावा प्रदेश के सभी सांसदों, राज्यपाल और केंद्रीय स्तर के नेताओं से प्रवेश दिलाने के लिए मांग करेंगे. इसके लिए समय निर्धारित किया गया है और 23 अप्रैल तक नेताओं से मुलाकात करेंगे. इसके बाद आगे की रणनीति 24 अप्रैल को तय की जाएगी.


स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को लिखा था पत्र


छात्रों की मांग है कि जब तक स्थाई प्रवेश नहीं मिल जाता तब तक अस्थाई रूप से क्लिनिकल प्रैक्टिस का अवसर दिया जाए. आपको बता दें कि जब भारतीय छात्रों की वापसी हो रही थी तभी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने 4 मार्च को केंद्रीय स्वास्थय मंत्री को यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों को देश के चिकित्सा महाविद्यालयों में निर्धारित प्रक्रिया के तहत भर्ती देने का आग्रह किया है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज में छात्रों की सीट बढ़ाने का भी आग्रह किया है.


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