Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कार्यकाल में साल 2022 में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुपर बाजार के तर्ज पर बस्तर में शुरू की गई सी-मार्ट योजना का हाल बहुत दयनीय हो चुका है. संभाग के सभी छह जिलों में सी-मार्ट शोरूम में कभी भी ताला लग सकता है. पिछले छह महीने से इन सभी सी-मार्ट की हालत खराब है, लेकिन सबसे बुरा हाल नारायणपुर-बीजापुर और कोंडागांव के अलावा कांकेर सी-मार्ट का है. 


यहां आश्रम और छात्रावास के लिए हर महीने का राशन सी-मार्ट से खरीदा जाता है, लेकिन अब  सी-मार्ट में सामान नहीं होने की वजह से और बजट नहीं होने से इसका संचालन करने में परेशानी हो रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन सी-मार्ट शो रूम में कभी भी ताला लग सकता है. हालांकि, औपचारिकता पूरी करने के लिए इन सी-मार्ट में समूह द्वारा बनाए गए कुछ उत्पाद जरूर रखे गए हैं, लेकिन यह योजना बंद पड़ गई है. स्टोर में रखे सामान खाली हो गए हैं और दोबारा इसे शुरू किया जाएगा या नहीं अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है.


भूमेश बघेल ने शुरू की थी योजना
दरअसल, साल 2022 में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देसी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सी-मार्ट की योजना बनाई थी. इन सी-मार्ट सुपर बाजार में स्थानीय लोगों के द्वारा तैयार प्रोडक्ट रखे गए थे. इसके लिए बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में बकायदा नए-नये शोरूम भी बनाए गए थे. वहीं महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से अलग-अलग जिलों के इलाकों में सी-मार्ट का संचालन भी किया जा रहा था.


बकायदा इसके लिए शुरूआत में ही नियम बनाए गए कि यहां स्व सहायता समूह की महिलाओं सहित बुनकरों, शिल्पियों आदि के उत्पादों को बेचा जाएगा. हालांकि, कई जगह सी-मार्ट योजना सफल भी हुआ और शुरुआती तौर पर इस सी-मार्ट बाजार से अच्छी बिक्री भी होने लगी, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे इस योजना की स्थिति दयनीय हो गई. अब आलम यह है कि कई सी-मार्ट में ताला लगने की स्थिति बन गई है.


हॉस्टल और स्कूलों में राशन सप्लाई हुई बंद
इन सी-मार्ट के संचालन में आ रही समस्याओं को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. वहीं सी-मार्ट के शोरूम में काम कर रहे कर्मचारियों और सहायता समूह की महिलाओं को भी पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है. प्रोडक्ट की बिक्री नहीं होने की वजह से नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर के जिलों में सी-मार्ट से छात्रावास और स्कूलों में राशन सामान की सप्लाई नहीं हो रही.


इस वजह से स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए आय का जरिया बंद हो गया है. हालांकि, अब देखना होगा कि वर्तमान में बीजेपी सरकार इस सी-मार्ट योजना के आगे संचालन पर कोई फैसला लेती है या फिर इन सी-मार्ट शो रूमों में ताला लग जाएगा.



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