Chhattisgarh: कैसी होगी छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने की रणनीति? नए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने दिए सभी सवालों के जवाब
Deepak baij Exclusive: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस हाईकमान ने सांसद दीपक बैज को संगठन की कमान सौंपी है. दीपक बैज ने चुनाव जितने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव ( Chhattisgarh election) होने वाले है. चुनाव के लिए महज कुछ महीने ही बचे है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दीपक बैज (Deepak baij) पर बड़ा दांव लगाया है. बस्तर के सांसद को छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Congress)की कमान सौंपी है. इस बदलाव के बाद ये पूछा जा रहा है कि क्या रूठे नेताओं को हाई कमान ने मानने के लिए सत्ता और संगठन में बदलाव किया है. ये सवाल राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में है. तो चलिए आज इसी पर बात करते है और दीपक बैज (Deepak baij) को चुनावी रणनीति क्या है समझते है.
कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की नई प्लानिंग
दरअसल, लोकसभा सांसद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak baij) ने एबीपी लाइव के इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए है की युवा नेता दीपक बैज अपने सीनियर लीडर जिनके पैर छूते है उनको कैसे निर्देश देंगे और सीएम भूपेश बघेल क्यों आदिवासी हैं? इसके बाद अब नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज 60 दिन में कैसे 90 विधानसभा सीट पर पहुंचेंगे और संगठन में कितना बदलवा होने वाला है? चुनाव फिर से जितने के लिए कांग्रेस की फाइनल रणनीति क्या है? इन सभी का उन्होंने इस इंटरव्यू में खुलासा किया है.
सवाल : चुनावी साल में ये फेरबदल क्यों ?
जवाब : यह पार्टी का निर्णय है. मोहन मरकाम ने 4 साल अच्छा काम किया. लेकिन अब मेरे ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है.ईमानदारी से काम करेंगे और हमारा मुख्य लक्ष्य सत्ता में वापस आना है.
सवाल : क्या रूठे नेताओं को मनाने की कोशिश है यह फेरबदल?
जवाब : कोई नाराजगी कहीं पर भी नहीं है बल्कि पार्टी तो अभी 120 की स्पीड में चलेगी. सभी सीनियर नेता खुश हैं, सभी ने आशीर्वाद दिया है. मैंने तो खुले मंच से कहा है दीपक भाई छोटा भाई है. कहीं अगर चूक हो भी जाता है तो बंद कमरे में डांट लेना, कान पकड़ लेना मैं तैयार हूं. इंसानों में कहीं भूल चूक हो भी जाती है, छोटे भाई समझ लेना. मैने दिल से कहा है. हम सब मिलजुल कर काम करेंगे. पदभार ग्रहण करने के बाद कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह बढ़ गया है. अब आपको 1 सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ में फर्क दिखने लगेगा.
सवाल: 4 महीने में संगठन कैसे मजबूत होगा?
जवाब: मेरे पास 4 महीने भी नहीं है l, इमानदारी से देखे तो 2 महीने ही बाकी हैं. 60 दिन में 90 विधानसभा जाना है, समय कम है, मेरे लिए चुनौती है. लेकिन कहीं भी मुझे चिंता नहीं है. कांग्रेस बड़ी पार्टी है, पहले से हमारा मैदान सजा हुआ है. हम लोगों को कहीं भी कोई दिक्कत नहीं है. हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बेहतर काम किया है. अब हमारा कार्यकर्ता सीना चौड़ा करके जनता के पास जा सकता है. लेकिन बीजेपी 15 साल सरकार में रहने के बाद भी अब उनके पास एक भी मुद्दा नहीं है. जनता के पास जाने के लिए सभी तरह से कांग्रेस पॉजिटिव में है.
सवाल: बीजेपी मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है तो कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे पर क्यों नहीं?
जवाब: हमारे पास चेहरों की कमी है क्या, हमारे पास किसान का चेहरा है. गरीब आदिवासियों के लिए काम करने वाला चेहरा है, जो हमेशा लोगों के बीच काम करने वाले का चेहरा है. हमारे पास चेहरों की कमी नहीं है. लेकिन बीजेपी के नेताओं के पास चेहरे का अकाल पड़ गया है. चुनाव जीतने के लिए केंद्र के नेताओं का सहारा ले रहे. पिछले साढे 4 साल में सेंट्रल लेवल का कोई नेता नहीं आया. छत्तीसगढ़ में राज्य और केंद्र की योजनाओं को लटकाने का काम किया और छत्तीसगढ़ के साथ हमेशा बदले की भावना से काम किया छत्तीसगढ़ की जनता जानती है अब बीजेपी को सरकार चाहिए सत्ता चाहिए तो छत्तीसगढ़ आ रहे हैं
सवाल : राहुल गांधी कब छत्तीसगढ़ आएंगे?
जवाब: हमारे नेता राहुल गांधी छत्तीसगढ़ हमेशा आते रहते है. जब भी बुलाएंगे तब आएंगे, उनके आने के लिए अभी रणनीति नहीं बनी है. लेकिन जल्द ही, इस महीने के लास्ट तक बड़ी रणनीति हम बनाएंगे.
सवाल: कांग्रेस के सीनियर नेताओं के सात कैसे तालमेल बैठेगा?
हमारे पास छत्तीसगढ़ में सीनियर लीडर्स है, इससे मुझे ज्यादा फायदा है. सीएम भूपेश बघेल अध्यक्ष रहे हैं उनका लाभ मिलेगा, टीएस बाबा नेता प्रतिपक्ष रहे हैं उनके अनुभव का लाभ मिलेगा, चरणदास महंत जी दो-दो बार अध्यक्ष रहे हैं उनका लाभ मिलेगा. दीपक बैज अकेला खड़ा नहीं है, दीपक बैज के साथ पूरी पांडवों की टीम खड़ी है. द्रोणाचार्य जैसे बुद्धिमान ज्ञानी लोग है. इसलिए दीपक बैज अकेला नहीं है. दीपक बैज बिल्कुल मैदान में जाने को तैयार है. सामूहिक नेतृत्व से और समाहित सामूहिक रूप से चुनाव लडेंगे. मैं अध्यक्ष जरूर हूं,कोई आदेश - निर्देश नहीं है. सभी लोगों के साथ समन्वय के साथ काम करेंगे. सत्ता और संगठन बेहतर तालमेल के साथ काम करेगी.
सवाल: छत्तीसगढ़ को पहला आदिवासी मुख्यमंत्री कब मिलेगा?
जवाब: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी काम कर रहे हैं आदिवासी मुख्यमंत्री से कम है क्या ! आज 15 साल उठाकर देख लीजिए रमन सिंह ने आदिवासियों के लिए कितना काम किया है. मुझे लगता है भूपेश बघेल जी किसी जन्म में आदिवासी रहे होंगे, तब आदिवासियों के हित के लिए इतना काम करना है. आज बस्तर में और ऑल छत्तीसगढ़ में इस सरकार में आदिवासियों को फायदा हुआ है. इसके लिए आप चिंता छोड़ दीजिए.
सवाल: क्या आप विधानसभा चुनाव लडेंगे?
जवाब: मेरा चुनाव लड़ना नहीं लड़ना यह पार्टी तय करेगी. यह पार्टी का निर्णय होगा. दीपक बैज पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में शुरू से काम करते आ रहा है. आज तक पार्टी ने जो भी डिसीजन लिया है उसको निभा रहे है.
सवाल: इस बार चुनाव केवल बीजेपी नही AAP भी झाड़ू चलाना चाहती है?
जवाब: हां यह सच्चाई है कि छोटे दल है हमारे पास. थोड़े बहुत वोट परसेंट लेंगे , जैसे 0. 59 या 1 परसेंट जाएगा. लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस तो बड़ी पार्टी है.दोनों के बीच में ही मुकाबला रहेगा. लेकिन 2030 के मुकाबले में कांग्रेस नंबर वन पर रहेगी.
सवाल : बीजेपी कह रही बस्तर में दीपक बैज ने धर्मांतरण को बढ़ावा दिया इस लिए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए
जवाब: बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. कभी सरकार पर आरोप लगाते हैं, कभी मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हैं, आज प्रदेश अध्यक्ष बन गया हूं तो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. कल कोई दूसरा बनेगा तो उसके ऊपर आरोप लगाएंगे.बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है, बस्तर में 12 - 0 हो गए है.बस्तर में इनकी(BJP) सरकार में ज्यादा धर्मांतरण हुआ है. उस समय सोए थे क्या? यह इनके राज्य में बस्तर जल रहा था, शांत बस्तर को 15 साल में इन्होंने अशांत करने का काम किया. जलता बस्तर को और जलाने का काम किया. हमारी सरकार में आज बस्तर से शांति है.बीजेपी बस्तर में सत्ता हासिल करना चाहती हैं लेकिन कभी भी संभव नहीं है. बस्तर की जनता बीजेपी को नकार चुके हैं.
सवाल: नए प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष के बाद क्या संगठन में नई टीम बनेगी?
जवाब: अभी पूरी तरह से नई टीम बनाना संभव नहीं है,क्योंकि समय कम है. सीनियर नेताओं से चर्चा करेंगे और लगता है. थोड़े बहुत आंशिक संशोधन करना है तो आंशिक रूप से परिवर्तन करना है. किसी को अगर जोड़ना है जोड़ लेंगे. लेकिन कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा.
सवाल: घोषणापत्र के अधूरे वादे को पूरा करने की क्या तैयारी है?
जवाब: 15 साल में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र के 15 वादे पूरे नहीं किए. हम लोगों ने तो 90% वादे पूरे किए हैं. थोड़े बहुत बाकी है. हम जनता के पास जाएंगे इमानदारी से काम हुआ है. घोषणा पत्र में जो नहीं था वह भी कांग्रेस पार्टी ने पूरा किया है. सरकार परिस्थितियों के अनुसार काम करती है.
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