Chhattisgarh News: देश में जातीय जनगणना पर बहस छिड़ी हुई है. कांग्रेस ओबीसी की राजनीतिक भागीदारी पर आवाज बुलंद कर रही है. तो बीजेपी महिला आरक्षण पर चुनावी माहौल बना रही है. यानी इस साल होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी मैदान तैयार किया जा रह है. इस साल छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने वाले है. ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में ओबीसी का कितना सरकार में दबदबा है? चलिए ये आपको समझाने की कोशिश करते है.
छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में 4,3,3,2,1 का फॉर्मूला
दरअसल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार 4,3,3,2,1 के फार्मूला चल रहा है. यानी भूपेश बघेल सरकार ने मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा एसटी वर्ग के मंत्रियों को शामिल किया है. 3 ओबीसी,3 जनरल ,2 एससी और 1 अल्प संख्यक वर्ग के नेताओं मंत्रिमंडल में शामिल किया है. ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल है. एसटी वर्ग से आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, एससी एसटी ओबीसी विभाग के मंत्री मोहन मरकाम और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिल भेड़िया है. जनरल से डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव, पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल है. एससी से नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया और पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार. वहीं अल्प संख्यक से परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर है.
ओबीसी को साधने में जुटी कांग्रेस
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है. 2011 के जनगणना के अनुसार 30 प्रतिशत एसटी, 12 प्रतिशत एससी जनसंख्या है. वहीं इसी साल हुए सर्वे के अनुसार ओबीसी की जनसंख्या 42 प्रतिशत बताई जा रही है. यानी छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा ओबीसी जनसंख्या है. लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपने कैबिनेट में सबसे ज्यादा एसटी वर्ग के नेताओं को शामिल किया गया है. हालाकि राज्य के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते है. यानी राज्य में एससी - एसटी और ओबीसी वर्ग से 13 में से 8 मंत्री है.
मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार
पॉलिटकल एक्सपर्ट डॉ. अजय चंद्राकर ने एबीपी न्यूज को बताया कि मंत्रिमंडल में किस वर्ग से कितने नेताओं को शामिल किया जाएगा. इसके लिए कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है. ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है. मुख्यमंत्री समाज में संतुलन के हिसाब सभी वर्गो के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते है. छत्तीसगढ़ का फॉर्मूला 2018 से 4,3,3,2,1 का रहा है. चुनावी साल में जब मंत्रीमंडल से एसटी वर्ग के नेता प्रेमसाय सिंह टेकाम को बाहर किया गया तो उनकी जगह दूसरे एसटी वर्ग के नेता मोहन मरकाम को शामिल किया गया.