पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने बीजापुर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को बताया फर्जी, सरकार से की जांच की मांग
Bijapur News: बस्तर सीट के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने कहा कि बीजापुर जिले के पीड़िया में जवानों ने फर्जी मुठभेड़ किया है. जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले के पीड़िया के जंगलों में बीते 10 मई को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को स्थानीय ग्रामीणों के बाद अब बस्तर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी फर्जी बताया है. कवासी ने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से की है. कवासी लखमा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद नक्सलियों का एनकाउंटर करने की बात करते हुए निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है.
पीड़िया के जंगल में भी निर्दोष आदिवासियों को जवानों ने नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है. इससे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लोगों और कांग्रेस नेताओं में भी काफी आक्रोश है. कवासी लखमा ने कहा कि मुठभेड़ की सच्चाई जानने सर्व आदिवासी समाज पीड़िया गांव पहुंचकर इस मामले की जांच करेगा.
आगामी 16 मई को आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर के नेतृत्व में हर जिले से आदिवासी समाज के लोग पीड़िया गांव पहुंचेंगे. इस मुठभेड़ की जांच कर उन्हें और बीजापुर के कलेक्टर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौपेंगे. लखमा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी बस्तर में आदिवासी सुरक्षित नहीं है. भोले-भाले आदिवासियों को या तो नक्सली बताकर जेल में ठूसा जा रहा है या फिर इनामी नक्सली बताकर एनकाउंटर में मार गिराया जा रहा है.
कवासी लखमा ने लगाया ये आरोप
कवासी लखमा ने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र सुकमा में स्थानीय मीडिया से कहा कि बीजापुर जिले के पीड़िया में जवानों ने फर्जी मुठभेड़ किया है. निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है, जिन 12 लोगों का जवानों ने एनकाउंटर किया है, उनमें से 10 स्थानीय ग्रामीण है. खुद नक्सलियों ने भी प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी है.
कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद बस्तर संभाग के सभी एसपी और प्रशासन के अधिकारियों का रंग बदल चुका है. कांग्रेस भी चाहती है कि बस्तर में शांति हो, बस्तर नक्सलवाद मुक्त हो, लेकिन ऐसे कैसे मुक्त होंगा. नक्सलियों की जगह आदिवासी मुक्त हो जाएंगे. लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से इस तरह की फर्जी मुठभेड़ हो रही है बीजेपी सरकार तत्काल इसे रोके और इस तरह की मुठभेड़ की न्यायिक जांच करें.
लखमा ने यह भी कहा कि निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया जा रहा है जेल में ठूसा जा रहा है. दक्षिण बस्तर के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के उप जेल में जगह ही नहीं बची है. सभी निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जा रहा है, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हीजेपी जन्म जात आदिवासियों की दुश्मन है.
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