Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में ईडी की लगातार हो रही कार्रवाई के बीच छत्तीसगढ़ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई पर जवाब मांगा है. इसके बाद कोर्ट के फैसले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी की कार्रवाई को सरकार को बदनाम करने की साजिश बताया है. इसके अलावा कोर्ट में दी गई दलीलों के बारे में पीसी में जानकारी दी गई.
दरअसल बुधवार को रायपुर में प्रदेश कांग्रेस भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले एक महीने से ईडी की तरफ से राज्य में 2019 से 2022 तक के तीन सालों में कथित शराब घोटाले में 2000 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार होने और सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. इस पूरे मनगढ़ंत आरोपों की पटकथा 3 साल पहले शुरू हो गयी थी. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने ईडी के माध्यम से यह षडयंत्र रचा गया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आईटी की छापेमारी फेल हो गयी. ये अपने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाये. आईटी की उसी कार्रवाई को आधार बनाकर ईडी कहानी गढ़ रही है.
शुक्ला ने पीसी में कोर्ट में दी गई दलील की जानकारी देते हुए बताया कि अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हुए यह बताया कि अनवर ढेबर, पप्पू ढिल्लन और सारे अधिकारियों (गवाहों) को मुख्यमंत्री का झूठा नाम लेने के लिये भी प्रताड़ित किया जा रहा है. कपिल सिब्बल द्वारा यह भी बताया गया कि इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों को प्रताड़ित करने का मुख्य उद्देश्य चुनावी साल में राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को ठप्प करना है. कपिल सिब्बल के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए बेंच ने ईडी के अधिवक्ता को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
तीन साल पहले भी हुई थी छापेमारी
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 27-28 फरवरी, 2020 को दिल्ली की आयकर टीम ने राज्य के शराब कारोबार से संबंधित 28 लोगों के यहां छापेमारी की कार्रवाई की थी. इतनी बड़ी कार्रवाई में बरामद चल-अचल संपत्ति की आयकर विभाग की ओर से कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी थी, वे छापे पूरी तरह से फेल हो गये थे. इसके बाद सभी स्थानों में जब्त मोबाइल फोन से बरामद व्हाट्सअप चैट्स के आधार पर सभी संबंधितों के ब्यान आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में दर्ज किये गये. शराब से संबंधित सभी कारोबारियों और संबंधित अधिकारियों द्वारा राज्य में शराब के व्यवसाय में भ्रष्टाचार होने और बड़ा घोटाला होने के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया गया था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बाद आयकर विभाग से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ईडी द्वारा अचानक 29 मार्च 2023 को फिर से लगभग उन्हीं स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गयी, जिन स्थानों पर 3 साल पहले आयकर विभाग ने छापे मारने की कार्रवाई की थी. ईडी के छापे भी पूरी तरह असफल हो गये, क्योंकि इन छापों में चल-अचल संपत्ति की ऐसी बरामदगी नहीं हुई जिसकी जानकारी सार्वजनिक की जा सके.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईडी कार्यालय में देर रात तक सभी को बैठाये रखने के बाद कुछ व्यक्तियों के साथ क्रूरता पूर्वक मारपीट की कार्रवाई आरंभ की गयी ताकि अन्य उपस्थित सभी व्यक्तियों को डराया जा सके. थके-हारे और भयभीत व्यक्तियों द्वारा ईडी अधिकारियों की ओर से तैयार बयानों में उन सब के हस्ताक्षर करा लिये गये. उन्हें 31 मार्च की सुबह घर जाने दिया गया और शाम को फिर ऑफिस आने के लिये कहा गया. उन्हें यह कहकर भी धमकाया गया कि यदि वे प्रताड़ना पूर्वक लिखाये गये बयानों के बारे में किसी को जानकारी देंगे तो उनके और उनके परिवारजनों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा और उन्हें कभी जमानत नहीं मिलेगी. साल 2020 में आयकर अधिकारियों द्वारा और साल 2023 में ईडी के अधिकारियों द्वारा मारे गये छापे पूरी तरह असफल हुए क्योंकि अवैध राशि प्राप्त होने के कोई साक्ष्य ना होने की खीझ को छुपाने मात्र के लिये ईडी अधिकारियों द्वारा अनवर ढेबर, नवीन केडिया और पप्पू ढिल्लन की लगभग 80 करोड़ की संपत्ति अटैच करने की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक की गयी है. यहां यह उल्लेखनीय है कि तीनों परिवार दशकों से अंचल के संपन्न परिवार है. उनकी कुल संपत्ति अटैच की गयी संपत्तियों से सैकड़ों गुना अधिक है.
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