छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ कांग्रेस का मौन प्रदर्शन, दीपक बैज ने उठाया महिला सुरक्षा का मुद्दा
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लकेर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मंगलवार (3 सितंबर) से दो दिवसीय मौन विरोध प्रदर्शन कर रही है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने मौन विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में राज्य में महिलाएं पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
दीपक बैज ने मीडिया से कहा कि जिस तरह से महिलाओं के खिलाफ राज्य में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उन्होंने कहा कि रायपुर में बस स्टैंड पर 24 घंटे लोगों की आवाजाही के बावजूद वहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
'बीजेपी वोट बैंक के लिए कर...'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, "बीजेपी सरकार के इन आठ से नौ महीनों में प्रदेश की महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित हैं. " उन्होंने दावा किया "विष्णुदेव साय सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. कल और आज कांग्रेस पार्टी महिला सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रही है."
बीजेपी सदस्यता अभियान के बारे में दीपक बैज ने कहा कि यह पूरी तरह से दिखावा है. उन्होंने कहा, "बीजेपी अपने खाते और वोट बैंक को बचाने के लिए इस तरह के दुष्प्रचार का सहारा ले रही है."
'बीजेपी को घर गिराने का अधिकार नहीं'
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर दीपक बैज ने कहा, "बुलडोजर की कार्रवाई गलत है. एक व्यक्ति अपराधी हो सकता है, लेकिन उसका पूरा परिवार अपराधी नहीं हो सकता."
उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार को किसी का घर गिराने का अधिकार नहीं है. हम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह से स्वागत करते हैं. यह एक अच्छा फैसला है."
छत्तीसगढ़ में महिला अपराध के आंकड़े
जानकारी के मुताबिक, आठ महीने में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 3 हजार 94 अपराध हुए हैं और 600 से ज्यादा रेप की घटनाएं हुई हैं. भिलाई के डीपीएस स्कूल में चार साल की मासूम बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गई.
इस मामले में बिना एफआईआर के एसपी ने घटना से इनकार कर दिया, जबकि पॉक्सो एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी कोई भी घटना होने पर पहले एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और फिर जांच होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 'द बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट' की शुरुआत, ट्राइबल कल्चर और प्राकृतिक सौंदर्य को मिलेगी नई पहचान