Chhattisgarh News: कांग्रेस में मचे 'घमासान' पर BJP का तंज- 'हर चीज का रेट फिक्स है'
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है. चुनाव के दौरान टिकट काटे जाने से नाराज विधायकों ने अब भूपेश बघेल से मुलाकात की है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में घमसान मचा हुआ है. कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने शुक्रवार को पार्टी अनुशासन के खिलाफ बयान देने के आरोप में दो पूर्व विधायकों को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इसमें मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक विनय जायसवाल (Vinay Jaiswal) और रामानुजगंज के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह (Brihaspat Singh) है. इन दोनों नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया. इसके बाद भी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है.
चुनाव में कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों का टिकट काट दिया था. उन्हीं में से दो ने राज्य में कांग्रेस की हार के लिए प्रदेश प्रभारी और तत्कालीन डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर ठीकरा फोड़ दिया था. इसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके बाद नेताओं ने जवाब दिया. लेकिन पार्टी इससे संतुष्ट नहीं हुई और गुरुवार को दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. इसके बाद नाराज पूर्व विधायकों ने देर रात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है. पूर्व विधायकों का कहना है कि वे केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत करेंगे.
पार्टी ने निष्कासन आदेश में कही यह बात
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु ने निष्कासन आदेश जारी करते हुए लिखा है कि चुनाव के परिणाम के बाद प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं के ऊपर सार्वजनिक रूप से लगाए गए तथ्यहीन आरोप लगाए गए जिसपर दिया गया स्पष्टीकरण संतोष लायक नहीं था. लिहाजा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के आदेश के अनुसार बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है.
बीजेपी ने कहा- कांग्रेस सरकार चलाए या संगठन चलाए
कांग्रेस में मचे घमसान पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि निष्कासन से आरोप धुल नहीं जाएंगे. कांग्रेस सत्ता में थी तो सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया. कांग्रेस ने संगठन में भी भ्रष्टाचार किया, यह भेद कांग्रेस के नेता ही उजागर कर रहे हैं. बृहस्पत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी को बिका हुआ बताया था और विनय जायसवाल ने सह-प्रभारी चंदन यादव को 7 लाख देने की बात कही थी. कांग्रेस में कितनी अंतर्कलह है, आपस में कितनी फूट है, कांग्रेस संगठन के अंदर क्या चल है. यह सब अब खुलकर सामने आ रहा है. कांग्रेस सरकार चलाए या संगठन चलाए, हर चीज का रेट फिक्स है. भ्रष्टाचार ही कांग्रेस को खत्म कर रहा है. आपस में यह लड़ रहे हैं.
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