Contract Workers Strike: भूपेश सरकार ने 37 हजार कर्मचारियों का बढ़ाया वेतन, लेकिन अब इस मांग पर अड़े कर्मी
Contract Workers Strike: सीएम भूपेश बघेल की घोषणाओं के बावजूद हजारों संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. कर्मचारियों ने सरकार की घोषणाओं को 'जख्म पर नमक' छिड़कने के बराबर बताया.
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Chhattisgarh Contract Workers Strike: छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Election 2023) होने वाला है. इससे पहले सरकार ने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को संतुष्ट करने के लिए घोषणाएं की हैं. सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने 37 हजार संविदा कर्मचारियों की सैलरी में 27 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसके अलावा, लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. इसके बावजूद भी अब आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार की घोषणाओं पर संतुष्ट नहीं है.
दरअसल बुधवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन सीएम भूपेश बघेल ने कई बड़ी घोषणाएं की है. इसमें ज्यादातर घोषणाएं आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के लिए है. दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि की गई है.1650 अतिथि शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपए मासिक बढ़ोत्तरी की गई है.6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता देने का फैसला हुआ है. वहीं 10 हजार पंचायत सचिवों को 2500 से 3000 रुपए मासिक दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें 10 लाख रुपए तक की उपादान राशि और पांच लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा.
सीएम के घोषणा से केवल 5 से 7 हजार कर्मचारियों के मिलेगा फायदा
सरकार के घोषणाओं के बाद अब आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की तरफ से प्रतिक्रिया आने लगी है.नया रायपुर में 3 जुलाई से 45 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है. अनियमित संघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि यह वेतन वृद्धि हमारे जख्म में नमक छिड़कने के बराबर है. क्योंकि वेतन वृद्धि का लाभ केवल 5000 से 7000 संविदा कर्मचारियों को ही मिल पाएगा और इन कर्मचारियों को भी पिछले चार साल से नहीं दिया गया था. संविदा कर्मचारी वर्तमान में नियमितिकरण के लिए आंदोलनरत हैं. जब तक सरकार नियमितिकरण के लिए संवाद स्थापित नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
रमन ने कहा संविदाकर्मियों को 27% का झुनझुना पकड़ा दिया
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पौने 5 साल केवल घोटाले और प्रदेशवासियों का शोषण करने में बीता दिए और अब चुनाव पास देखकर भी अपने वादों को पूरा करने के बजाय जनता को झुनझुना पकड़ाने का प्रयास कर रहे है. 5 साल से 5 लाख कर्मचारी इंतज़ार कर रहे हैं, महंगाई भत्ता तो बढ़ा दिया पर उनके एरियर्स का भुगतान कब होगा?
साथ ही उन्होंने नियमितीकरण के वादे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि पौने 5 साल बाद संविदाकर्मियों को 27% का झुनझुना पकड़ा दिया है, नियमितिकरण कब होगा?, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी उसका क्या हुआ?
सीएम भूपेश बघेल ने बताया कर्मचारी क्यों नहीं सकता परमानेंट
वहीं संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण नहीं करने के मामले में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने अनुदान मिलता है. केंद्र सरकार से पोषित खासकर स्वास्थ्य विभाग. उसमें 60 प्रतिशत भारत सरकार है और 40 प्रतिशत हमारा है. यदि हम परमानेंट करते है तो भारत सरकार 60 प्रतिशत देगी क्या? जैसे परमानेंट करेंगे वो राशि देना बंद कर देंगे. यदि भारत सरकार सहमत है तो हमें करने में कोई तकलीफ नहीं है.
इसमें बीजेपी का सहयोग चाहिए. भारत सरकार परमानेंट करने के बाद भी पैसे देने के लिए तैयार है तो उन शासकीय सेवकों को देने के लिए तैयार है. दूसरे विभाग के जितने भी उन योजनाओं के तहत संविदा कर्मचारी है. 37 हजार सरकारी कर्मचारियों के अनुरूप हमने वेतन बढ़ाया है.
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