Contract Workers Protest: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Election 2023) के पहले नियमितिकरण की मांग तेज हो गई है. इसी साल जुलाई महीने के 45 हजार संविदा कर्मचारियों ने सरकार (Congress Government) के खिलाफ एक महीने तक आंदोलन किया. 


अब फिर से सरकार के खिलाफ बड़े और अनोखे प्रदर्शन (Unique Protest) की तैयारी चल रही है. इस बार हजारों कर्मचारी सरकार के खिलाफ बारात निकलाने वाले है. इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है और सर्व विभागीय कर्मचारी संघ प्रदेशभर से भीड़ जुटाने की कोशिश में है.


सरकार के खिलाफ कर्मचारी कल निकालेंगे बारात
दरअसल संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ 23 और 24 सितंबर को दो दिन प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. नियमितीकरण की मांग के लिए नया रायपुर के तूता धरना स्थल में कर्मचारी सरकार के वादों के खिलाफ बारात निकालेंगे. यह प्रदर्शन कर्मचारी सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले करेंगे और इसमें भीड़ जुटाने के लिए कर्मचारियों ने शादी कार्ड की तरह प्रदर्शन में शामिल होने के लिए एक कार्ड तैयार किया गया है. इसमें बड़े रोचक और विरोधाभास अंदाज में सरकार के सामने अपनी मांग कर्मचारी ने रखी है.




शादी कार्ड की तरह कर्मचारियों का निमंत्रण कार्ड
संविदा कर्मचारियों ने अपने निमंत्रण कार्ड को शादी कार्ड की तरह तैयार किया है. इसमें लिखा है कि कांग्रेस के कद्दावर के आशीर्वाद बोली वचन से नियमितिकरण किए जाने की घोषणा 2018 में हम सबके सम्मुख किया गया. इसके चुनाव घोषणा पत्र, विधानसभा, विभागीय जानकारी साक्षी है. 5 बाद अब अशुभ लग्न 2023 चुनाव मास में संविदा कर्मचारियों के विश्वास पर नियमितिकरण संग धोखा होने जा रहा है. अतः आप समस्त संविदा कर्मचारी इस वादों की बारात में सादर आमंत्रित है. संपूर्ण कार्यक्रम धरना स्थल में सम्पन्न होगी.


27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का भी नहीं मिल रहा लाभ 
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा पौने 5 साल बीत जाने के बाद भी सरकार हमारी नियमितिकरण की मांग पूरी नहीं कर पाई है. सरकार तक अपनी आवाज फिर से पहुंचाने के लिए हम प्रदर्शन कर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. सूरज ने अपने बयान में सरकार पर एक गंभीर आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों के 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा की थी. लेकिन प्रशासन की अपेक्षा के चलते कर्मचारी 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि से वंचित है. 


पहले कर चुके है प्रदर्शन
गौरतलब है कि इससे पहले भी जुलाई महीने में 45 हजार संविदा कर्मचारियों ने एक महीने तक लंबा आंदोलन चलाया था. इस दौरान सरकार के कामकाज को भारी प्रभाव पड़ा था. तब 2 अगस्त को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपना हड़ताल स्थगित कर दिया था. लेकिन कर्मचारी चुनाव नजदीक आते है अपनी मांगों को तेज करने लगे है. फिर से बड़े प्रदर्शन के साथ कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन करने में जुट गई है.


ये भी पढ़ें: Ambikapur: बिना ब्याज कृषि ऋण का टूटा रिकार्ड, किसानों ने लिया 781 करोड़ का कर्ज, अब सीएम बघेल से यह उम्मीद